Jitiya Puja 2020: हर साल आश्विन मास में कृष्ण पक्ष के सप्तमी से लेकर नवमी तक चलने वाला जितिया व्रत आज 10 सितंबर 2020 को है. इस व्रत को जितिया या जिउतिया या जीवित्पुत्रिका के नाम से भी जाना जाता है. वैसे यह व्रत तीन दिनों तक चलता है. जिसके क्रम में पहले दिन यानी की सप्तमी के दिन से ही इस व्रत की शुरुआत नहाए-खाए से शुरू हो चुकी है.


आज यानी की अष्टमी को माताएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगी और कल यानी की तीसरे दिन (नवमी के दिन) पारण किया जाएगा. इस व्रत में माताएं अपने संतान की लम्बी आयु, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए व्रत रखती हैं. आईए जानते हैं तीन दिनों तक चलने वाले इस जितिया व्रत के उपवास की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में-


शुभ मुहूर्त:


जितिया या जिउतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का शुभ मुहूर्त 10 सितंबर को दोपहर 2:05 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 11 सितंबर को 04:34 मिनट तक रहेगा. जबकि पारण का शुभ मुहूर्त 11 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक है.




जितिया या जिउतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत और पूजा विधि:


तीन दिनों तक चलने वाले इस व्रत में दूसरे दिन यानी की अष्टमी के दिन जितिया व्रत के निर्जला उपवास की शुरुआत प्रातःकाल में स्नान आदि के साथ शुरू हो जाता है. इस उपवास में सबसे पहले व्रत और पूजा का संकल्प लिया जाता है. संकल्प के बाद गंदर्भ राजा जीमूतवाहन की पूजा करनी चाहिए. जिसके तहत अष्टमी के दिन प्रदोष काल में कुश से बने हुए जीमूतवाहन की मूर्ति को स्थापित करके धूप और दीप जलाना चाहिए.


इसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए चावल और फूल चढ़ाना चाहिए. चावल और फूल चढ़ाने के बाद मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्ति बनाना चाहिए. इसके बाद गोबर और मिट्टी से बनी मूर्ति के माथे पर लाल कुमकुम का तिलक लगाना चाहिए. इसके बाद जितिया व्रत की कथा सुनना चाहिए. व्रत कथा समाप्त होने के बाद जीमूतवाहन भगवान की आरती करना चाहिए. आरती के बाद भोग लगाकर ब्राह्मण को दान-दक्षिणा देना चाहिए.