सूर्य ग्रहण से पूर्व मासिक शिवरात्रि का महत्व बढ़ जाता है. शिवरात्रि को स्वयं की इंद्रियों को नियंत्रित करने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है. इससे व्यक्ति के आत्मबल में वृद्धि होती है. मन शांत और शरीर निरोग होता है. इस व्रत से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. क्रोध, ईष्र्या, अभिमान और लोभ से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है. इस व्रत को शिव की भक्ति के लिए सबसे प्रभावशाली माना गया है. मासिक शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम को दर्शाता है.
मासिक शिवरात्रि व्रत का लाभ
मान्यता है कि जो भी इस व्रत को रखता है और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करता है उसकी सभी प्रकार की मनोमनाएं पूर्ण होती हैं. कई प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
विवाह में संबंधी बाधा दूर होती है
कन्याएं मनोवांछित वर पाने के लिए इस व्रत को रखती है. जो कन्याएं इस व्रत को पूर्ण करती हैं उनके विवाह संबंधी रूकावट दूर होती है और अच्छा पर प्राप्त होता है. वहीं दांपत्य जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं. शिव पुराण के अनुसार इस व्रत को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं.
पूजा का समय
19 जून 2020: 24 बजकर 02 मिनट से 24 बजकर 43 मिनट तक
सूर्यास्त का समय
इस दिन सूर्य अस्त का समय 19 बजकर 22 मिनट है.
त्रियोदशी तिथि का समय
इस दिन त्रियोदशी की तिथि का समय 11 बजकर 01 मिनट तक है.
पंचांग के अनुसार योग
इस दिन धृति योग बन रहा है. पंचांग के अनुसार यह योग 14 बजकर 53 मिनट तक तक रहेगा.
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