(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गंगा दशहरा से बृहस्पति हो रहे हैं वक्री, आगामी 120 दिन रहेंगे विशेष प्रभावशील
Guru Vakri 21 June 2021: गंगा दशहरा से देवगुरु बृहस्पति वक्री हो रहे हैं. गुरुदेव और शनिदेव की उलटी चाल आगामी 120 दिनों तक विभिन्न बड़ी घटनाओं की साक्षी बन सकती है.
Shani Guru Vakri 2021: गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी यानि 20 जून 2021 को है. इस दिन पतित पावनी मां गंगा का अवतरण हुआ था. धर्म संस्कार और पुण्यफल की प्रतीक मां गंगा के अवतरण दिवस पर देवगुरु बृहस्पति वक्री हो रहे हैं. देवगुरु भी धर्म संस्कार ज्ञान और धर्म के देवता हैं.
गंगा दशहरा 20 जून 2021 से गुरु की उलटी चाल 18 अक्टूबर तक रहेगी. लगभग 120 दिनों की गुरु उलटी की उलटी चाल को शनिदेव की वक्री चाल का साथ मिलेगा. गुरु स्वयं शनिदेव की राशि कुंभ में विद्यमान हैं. इस प्रकार शनि और गुरु का उलटा गोचर वैश्चिक स्तर पर बड़े भौगोलिक, राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तनों का संकेतक है.
वक्री गुरु शनिदेव के प्रभाव को बढ़ाएंगे. शनिदेव जनता और न्याय के कारक है. गुरु ज्ञान और विवेक के प्रदाता है. आगामी दिनों में जनता में ज्ञान विवेक के साथ न्याय के प्रति जागरुकता बढ़ेगी. समाज और सत्ता में भ्रष्टता और दमन का भाव कम होगा. लोग एक दूसरे को सहयोग और सहचारिता में विश्वास रखेंगे.
गुरुदेव 14 सितंबर 2021 से 20 नवंबर तक मकर राशि में शनिदेव के साथ रहेंगे. यह समय धर्म अध्यात्म त्याग और सेवाभावना को बल देने वाला रहेगा. शनि और गुरु की ग्रहचाल से मेष, वृष, मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि लाभांवित होंगी. कर्क, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि वालों को सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ने के संकेत हैं. शनि और गुरु के सकारात्मक प्रभाव बढ़ाने के लिए जाप अनुष्ठान पर जोर देना हितकर होगा.