गुरु का राशि परिवर्तन: 29 मार्च 2020 से गुरु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. इस दिन गुरु धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. गुरु के इस राशि परिवर्तन का सभी पर भी प्रभाव पड़ेगा. इस बार इस राशि परिवर्तन पर गुरु शनि की युति भी बन रही है. इस राशि परिवर्तन से पहले गुरु के बारे में जानना बहुत जरूरी है.


वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु को देवताओं का स्वामी ग्रह माना गया है. गुरु मीन और धनु राशि के स्वामी होते हैं. जबकि कर्क में गुरु उच्च और मकर राशि में ये नीच के होते हैं.


जिस जातक की जन्म कुंडली में गुरु शुभ स्थिति में होते हैं वे जातक अधिवक्ता, कुशल व्यापारी, लेखक, शिक्षाविद् और नेतृत्वकर्ता बनता है. शादी विवाह का कारक भी गुरु ग्रह है. ये संतान का भी कारक है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में गुरु अच्छी स्थिति में होते हैं उन्हें अच्छा जीवन साथी मिलता है.


गुरु का संबंध शिक्षा और ज्ञान से भी है. साथ ही इनकी शुभ स्थिति व्यक्ति को गुप्त ज्ञान में भी महारात दिलाते हैं. ज्योतिष जैसे विषयों का जानकार भी बनाते हैं. गुरु व्यक्ति को गंभीर स्वभाव भी देते हैं.


गुरु की खास बात


गुरु ग्रह जन्म कुंडली में यदि अच्छी स्थिति में है तो व्यक्ति को खराब से खराब परिस्थितियों में सहयोग मिलता है. गुरु की सूर्य, चंद्रमा और मंगल के मित्र हैं. लेकिन गुरु की शुक्र और बुध के साथ शत्रुता है. राहु-केतु और शनि के साथ इनका तटस्थ संबंध है.


गुरु के गोचर का समय

29 मार्च 2020 को 8 बजकर 29 मिनट पर धनु से शनि की राशि मकर राशि में प्रवेश करेंगे.


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