Jupiter (Guru) 2021: ज्योतिष शास्त्र में गुरु को अहम ग्रह माना गया है. नवग्रहों में गुरु को शुभ ग्रह होने का दर्जा प्राप्त है. लेकिन कमजोर और पीड़ित होने पर गुरु का पूर्ण फल व्यक्ति को प्राप्त नहीं होता है, जिस कारण व्यक्ति को शिक्षा, करियर, बिजनेस और उच्च पद प्राप्त करने में दिक्कत आती है.


गुरु वक्री 2021 (Guru Vakri 2021)
गुरु वर्तमान समय में उल्टी चाल चल रहे हैं. यानि गुरु वक्री हो चुके हैं. पंचांग के अनुसार बीते 20 जून 2021 को गुरु वक्री अवस्था में आ गए थे. कुंभ राशि में गुरु विराजमान हैं. यानि कुंभ राशि में गुरु का गोचर बना हुआ है और इसी राशि में गुरु वक्री हुए हैं. गुरु का वक्री होना मेष से मीन राशि तक के जातकों को प्रभावित करेगा. ज्योतिष गणना के अनुसार 14 सितंबर 2021 को गुरु मार्गी होंगे. 


धनु और मीन राशि के स्वामी हैं गुरु
गुरु को बृहस्पति ग्रह के नाम से भी जाना जाता है. गुरु को देवताओं का गुरु माना गया है. इसलिए इन्हें देव गुरु बृहस्पति भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु को धनु राशि और मीन राशि का स्वामी माना गया है.


बुध और शुक्र से है गुरु की शत्रुता
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह की सूर्य, चन्द्र और मंगल ग्रह से मित्रता है. बुध और शुक्र  से गुरु की नहीं बनती है. गुरु की शनि ग्रह के साथ अच्छे संबंध हैं.


गुरु, जॉब और बिजनेस में सफलता प्रदान करते हैं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु शुभ होने पर जॉब और बिजनेस में सफलता प्रदान करते हैं. गुरु जब कमजोर या पीड़ित होते हैं तो व्यक्ति को जॉब में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसके साथ ही व्यापार में भी हानि होने लगती है. गुरु को मजबूत बनाने के लिए ये करना चाहिए-



  • गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें.

  • गुरुवार को जल में हल्दी मिलाकर स्नान करें.

  • केसर या हल्दी का तिलक लगाएं.

  • गुरुजनों का आदर सम्मान करना चाहिए.

  • शिक्षण सामग्री जरूरतमंद विद्यार्थियों को दान करें.

  • क्रोध से बचना चाहिए.


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