Rameshwaram : तमिलनाडु के रामनाथपुरम स्थित रामेश्वरम के लिए कहा जाता है कि जैसे उत्तर में काशी का महत्व है, वैसे ही दक्षिण में रामेश्वरम खास है. आस्था है कि यहां डुबकी लगाने मात्र से रोगों से मुक्ति मिल जाती है. मान्यता है कि इस मंदिर में गंगाजल से प्रभु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.


मंदिर के लिए पौराणिक मान्यता है कि जब प्रभु राम लंका विजय के बाद माता सीता के साथ लौटे तो ब्राह्मण हत्या के पाप से मुक्ति के लिए उन्होंने शिव उपासना का संकल्प किया. शिवलिंग स्थापना के लिए के लिए राम ने हनुमानजी को हिमालय से शिवलिंग लाने की आज्ञा दी. प्रभु की आज्ञा से गए हनुमान को लौटने में देरी हुई तो मां सीता ने समुद्र किनारे रेत से शिवलिंग बना दिया. इसे रामनाथ कहा गया. हनुमान के लाए शिवलिंग को पहले स्थापित शिवलिंग के लिए पास स्थापित किया गया, इसे हनुमदीश्वर कहा गया. आज भी यह दोनों शिवलिंग यहां पूजे जाते हैं. 


24 कुओं का पानी है पाप नाशक 
मंदिर परिसर के अंदर 24 कुएं भी हैं, जिन्हें तीर्थ कहा जाता हैं. इसमें दो कुएं सूख चुके हैं. कहा जाता है कि इन कुओं के जल के स्नान से सभी पाप मिट जाते हैं. इन कुओं में मीठा पानी है, जिसे पिया भी जा सकता है. मान्यता है कि इन कुओं को श्री राम ने अमोघ बाणों से बनाया था. रामेश्वरम में अग्नि तीर्थम भी है. मान्यता है कि उसमें डुबकी लगाने से सारी बीमारियां दूर हो जाती हैं और मनुष्य पाप मुक्त हो जाता है.


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