Bada mangal 2022, Jyeshth Budhava Mangal : ज्येष्ठ मंगल 24 तारीख को पड़ रहा है. यह इस महीने का दूसरा बड़ा मंगल है. इस बार ज्येष्ठ मास में कुल 5 बड़े मंगल पड़ेंगे. इस बार ज्येष्ठ मास की विशेषता यह है कि यह मंगलवार से शुरू होकर मंगलवार को ही समाप्त हो रहा है. पौराणिक मान्यता यह है कि इसी दिन सीता की खोज में वन वन भटकते हुए प्रभु श्री राम को विप्र रूप में हनुमान जी से मुलाकात हुई थी. ऐसा भी कहा जाता है कि महाभारत काल में कुरुक्षेत्र का युद्ध समाप्त होने के बाद भीम को अपने बल का घमंड हो गया था उनके घमंड को दूर करने के लिए चिरंजीवी भगवान हनुमान जी महाराज ने बूढ़े वानर का रूप रखकर उनका घमंड तोड़ा था. इसलिए इस दिन को बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है.


बुढ़वा मंगल का क्या है मुस्लिमों से संबंध


बुढ़वा मंगल में सनातन धर्म के लोगों की आस्था के साथ-साथ मुस्लिम संप्रदाय के लोगों की भी आस्था जुड़ी हुई है. ऐसा बताया जाता है कि आज के 400 साल पहले अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी. जिसकी वजह से उनकी बेगम बहुत दुखी रहती थी. इसलिए अवध के नवाब और उनकी बेगम ने अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर में जा कर पूजा अर्चना की और अपने बेटे के स्वस्थ होने की प्रार्थना की. थोड़े दिनों के बाद नवाब मोहम्मद अली शाह का पुत्र स्वस्थ हो गया. इसकी खुशी में अवध के नवाब और उनकी बेगम ने अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. पूरे लखनऊ में गुड़ और प्रसाद का वितरण करवाया. तब से बुढ़वा मंगल के दिन लखनऊ में जलपान कराने, भंडारा कराने और प्रसाद वितरण का कार्य प्रारंभ हुआ. तब से लेकर आज तक यह बड़ी भव्यता के साथ पूरा किया जाता है. संकट मोचन हनुमान अपने भक्तों पर कृपा करते हैं और उन्हें आरोग्य होने का वरदान देते हैं.



 


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