(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या का दिन है खास, आज सूर्यास्त के बाद भूलकर भी न करें ये काम
Jyeshtha Amavasya 2024: हिंदू धर्म (Hindu Dharna) में अमावस्या तिथि को खास माना जाता है. यह दिन पितरों को समर्पित होती है. आज 6 जून को ज्येष्ठ अमावस्या पर रात होते ही भूलकर भी इन कामों को न करें.
Jyeshtha Amavasya 2024: पंचांग (Panchang) के अनुसार आज गुरुवार 6 जून को ज्येष्ठ अमावस्या है. साथ ही आज शनि जयंती (Shani Jayanti) और वट सावित्री (Vat Savitri 2024) का पर्व भी है. वैसे सालभर के 12 मास में 12 अमावस्या तिथि पड़ती है, लेकिन ज्येष्ठ अमावस्या को खास माना जाता है.
आमतौर पर लोग अमावस या अमावस्या का नाम सुनते ही थोड़ा डर जाते हैं. क्योंकि यह तिथि पितरों को समर्पित होती है और अमावस की रात को काली रात भी कहा जाता है. हालांकि अमावस्या की रात इसलिए भी अधिक काली होती है, क्योंकि इस रात्रि चंद्रमा नजर नहीं आता है और सूर्यास्त होते ही चारों ओर अंधेरा छा जाता है.
वहीं ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा को मन को कारक माना गया है. ऐसे में अमावस्या की रात चंद्रमा का प्रभाव कम होने से लोग अति भावुक हो जाते हैं और मानव शरीर में हलचल बढ़ जाती है. एक मान्यता यह भी है कि अमावस्या के दिन नकारात्मक शक्तियों का भी प्रभाव बढ़ जाता है. इसलिए इस दिन जो कार्य वर्जित माने जाते हैं, उन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए. खासकर सूर्यास्त (Sunset) के बाद या रात में अमावस्या के दिन कुछ कामों को करने से बचना चाहिए. आइये जानते हैं इन कामों के बारे में-
अमावस की काली रात में भूलकर भी न करें ये काम
- गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के अनुसार, अमावस्या पर पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाना चाहिए. ऐसा करने से जन्म लेने वाले संतान के जीवन में कई परेशानियां रहती है.
- वैसे तो सूर्यास्त के बाद दान नहीं करना चाहिए. लेकिन अमावस्या (Amavasya) पर रात में भूलकर भी दान नहीं करें. अमावस्या तिथि दान-पुण्य के लिए शुभ मानी जाती है. इसलिए आप इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें, पितरों का तर्पण करें, सूर्य देव को जल चढ़ाएं और इसके बाद यथाशक्ति दान आदि करें.
- मान्यता है कि अमावस की रात को भूत-प्रेत (Bhoot), पिशाच, पितृ (Pitra), दैत्य और निशाचर जीव-जंतु सभी अधिक सक्रिय हो जाते हैं और चारों ओर अपनी नकारात्मकता फैलाते हैं. इसलिए अमावस की रात सुनसान जगहों पर अकेले जाने से बचना चाहिए.
- पौराणिक मान्यता है कि अमावस्या की रात शमशान में तांत्रिक साधना और क्रियाएं होती हैं. इससे नकारात्मक (Negativity) शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती है. इसलिए इस दिन कब्रिस्तान या शमशान आदि जगहों पर जाने से बचना चाहिए.
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