Jyestha Month 2022: वैशाख माह की समाप्ति के बाद ज्येष्ठ महीने की शुरुआत होती है. इस महीने में सूर्य का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और भीषण गर्मी शुरू हो जाती है. ज्येष्ठ का महीना 17 मई 2022 को शुरू होकर 14 जून 2022 को खत्म होगा. सूर्य देव को श्रेष्ठ मानने की वजह से जयेष्ठ मास में सूर्य देव की उपासना का प्रावधान है. ज्येष्ठ मास में रविवार के व्रत का भी विशेष महत्व है.
क्या करना चाहिए
- ज्येष्ठ मास में भीषण गर्मी पडती है, इसकी वजह से जल स्तर बहुत ज्यादा गिर जाता है, इस महीने में सुबह शाम पेड़ों में जल डालने से सूर्य देव और वर्षा के देवता वरुण प्रसन्न होते हैं.
- सूर्य के प्रचंड तेज को देखते हुए जेष्ठ मास में दोपहर 12 बजे से लेकर 3:00 तक घर में ही रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे शरीर का जलस्तर घट जाता है और हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है.
- भीषण लू चलने के कारण लोगों को बीमारी भी हो जाती है, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए.
- जल भरे घट का दान और पंखे का दान करने से सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त होती है.
- प्यासे को पानी पिलाना चाहिए और अपने घर की छत पर या घर के बाहर किसी स्थान पर पानी रखकर पशु पक्षियों के लिए भी जल की व्यवस्था करनी चाहिए.
- इस महीने में जल दान का विशेष महत्व है. जिससे सूर्य देव की कृपा बरसती है और वरुण देव भी प्रसन्न होते हैं.
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