Jyotish Upay: रसोई में रखी ये चीजें दिलाती है ग्रह दोष से मुक्ति, जाने इस्तेमाल का तरीका
Jyotish Upay In Hindi: ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष में कई तरह के उपाय बताए गए हैं. रसोई में मौजूद कुछ चीजों का इस्तेमाल भी ग्रहों को अनुकूल बनाने में किया जाता है.
Grah Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की चाल का असर हर जातक पर पड़ता है. कुंडली के अनुसार इनके शुभ और अशुभ परिणाम हर जातक को उठाने पड़ते हैं. कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी हो तो जातक को भाग्य का साथ मिलता है. उसे बिना रुकावट सफलताएं मिलती हैं. वहीं ग्रहों के कमजोर होने पर जीवन में एक के बाद एक परेशानियां आती रहती हैं. ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष में कई तरह के उपाय बताए गए हैं. रसोई में मौजूद कुछ चीजों का इस्तेमाल भी ग्रहों को अनुकूल बनाने में किया जाता है. आइए जानते हैं कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिनसे ग्रह दोष के बुरे प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है.
- सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है. कुंडली में सूर्य मजबूत हो तो व्यक्ति खूब तरक्की करता है लेकिन कमजोर सूर्य मान-सम्मान में कमी करता है. कुंडली में सूर्य को मजबूत बनाने के लिए शुद्ध घी, केसर और गेहूं से बनी चीजों का दान करना शुभ होता है.
- कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर हो तो व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है. चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए उसे जल अर्पित करें. पानी, दूध और चावल जैसी सफेद और शीतल चीजों का दान करने से भी चंद्रमा मजबूत होता है.
- कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर हो तो उसे मजबूत बनाने के लिए हनुमान जी को आटे के मीठे रोट चढ़ाने चाहिए. इसके साथ ही लाल फल-सब्जियों का दान करने से भी मंगल बलवान होता है.
- गुरु ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए जातक को हल्दी, केसर और केले जैसी पीली चीजों का दान करना चाहिए. माना जाता है कि इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है और इसके शुभ फल प्राप्त होते हैं.
- शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए चावल और दूध का दान करना शुभ होता है. इसके अलावा मखाने और चावल से बनी खीर का सेवन करना भी शुभ होता है.
- कुंडली में शनि कमजोर हो तो जातक को बार-बार असफलता मिलती है और वो हमेशा मुश्किलों में घिरा रहता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरसों का तेल, कलौंजी और काले तिल का प्रयोग और दान करना लाभकारी रहता है. वहीं राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए जल में जौ प्रवाहित करने से राहत मिलती है.
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