Jyotish Vidya : शास्त्रों में लग्न, राशि और नक्षत्र में जातक के जन्म होने के विशेष फल बताये गये हैं. जिस लग्न, राशि या नक्षत्र में व्यक्ति का जन्म होता है, उस लग्न, राशि और नक्षत्र से संबंधित फल उस व्यक्ति के व्यक्तित्व और स्वभाव में देखने को मिलते हैं. ठीक इसी प्रकार से शास्त्रों में तिथि और मास में जातक के जन्म होने के विशेष फल बताये गये हैं, जो उस व्यक्ति के व्यक्तित्व और स्वभाव में देखने को मिलते हैं. यहां पर मानसागरी में वर्णित फलों के आधार पर विवेचना की जा रही है. तिथियों में जन्म होने का क्या फल होता है इसको समझेंगे.


प्रतिपदा तिथि- प्रतिपदा में जन्म लेने वाला व्यक्ति क्रूर होते हैं. ऐसे व्यक्ति यदि सर्जन, सैन्य विभाग, पुलिस आदि में काम करते हैं तो बहुत सफल रहते हैं. धन को लेकर संघर्षशील, मनमुताबिक परिवार को सहयोग न कर पाने वाले होते हैं. यदि अनुशासित न रहें तो जल्द ही नशे की लत में पड़ जाते हैं.


द्वितीया तिथि- द्वितीया में जन्म लेने वाले व्यक्ति तकनीकी व लग्जरी से संबंधित कार्यों को करने में निपूर्ण होते हैं. फैशन का ज्ञान जन्मजात होता है. यह जिनको भी आदर्श मानते हैं उनके आचरण को अपने जीवन में उतार लेते हैं. 


तृतीया तिथि- तृतीया में जन्म लेने वाले व्यक्ति प्रायः जिस विषय का अध्ययन करते हैं, करियर में उस ज्ञान का प्रयोग नहीं कर पाते हैं. अकसर देखा गया है तृतीया के जन्मे व्यक्ति अन्य क्षेत्र में करियर बना लेते हैं. आर्थिक सम्पन्नता के लिए संघर्ष करना पड़ता है.


चतुर्थी तिथि- जिसका जन्म चतुर्थी तिथि में होता है वह अधिक सुखों का भोग करने वाले, दानी, मित्रों से स्नेह करने वाले होते हैं. विद्वान, धन तथा संतान से युक्त होते हैं. यह अपनी मां से अत्यधिक प्रेम करते हैं.


पंचमी तिथि- पंचमी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति व्यावहारिक, गुणों को ग्रहण करने वाले, सदैव प्रयत्नशील, माता-पिता की सेवा करने वाले व दानी होते हैं. यह व्यक्ति हर परिस्थिति में प्रसन्न रहते हैं.


षष्ठी तिथि- षष्ठी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति अधिक यात्रा करने वाले होते हैं, यह व्यावसायिक मानसिकता के होते हैं जो अपने लाभ को वरीयता देते हैं. यह लोग पार्ट टाइम काम करने के लिए भी प्रयासरत रहते हैं. 


सप्तमी तिथि- जो व्यक्ति सप्तमी तिथि में जन्म लेते हैं, वह थोड़े में संतुष्ट होने वाले, तेजस्वी, सौभाग्य एवं गुणों से युक्त होते हैं. आर्थिक रूप से मजबूत रहते हैं. पैतृक संपत्ति प्राप्त होती है. संतान सुख देने वाली होती है.


अष्टमी तिथि- अष्टमी तिथि में जन्मे व्यक्ति धार्मिक होते हैं. इनका प्रयास रहता है की झूठ कम से कम बोलें. दूसरों की मदद करने वाले एवं दयालु होते हैं. इनको हर विषय का ज्ञान होता है, लेकिन पारंगत किसी विषय में नहीं हो पाते हैं.


नवमी तिथि- नवमी तिथि में जन्म लेने वाले धार्मिक होते हैं. कर्मकांड एवं पूजा-पाठ में उसकी रूचि होती है. इनको अपने परिवार और बच्चें से अत्यधिक प्रेम होता है. निरन्तर शास्त्रों का अध्ययन करने वाले होते हैं.


दशमी तिथि- जिस व्यक्ति का जन्म दशमी तिथि में होता है, वह सामाजिक कार्यक्रमों को बहुत अच्छी तरह से संचालित करने वाले होते हैं. यह अच्छे प्रबंधक होते हैं. अपने कार्यों को कराने के लिए व्यक्तियों की खोज सदैव करते रहते हैं. आत्मिक रूप से सुखी होते हैं.


एकादशी तिथि- एकादशी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति थोड़े में संतुष्ट रहते हैं. इनमें अत्यधिक प्राप्ति की लालसा नहीं होती है. समय-समय पर दान-पुण्य करते रहते हैं. वाणी से कटु हो लेकिन हृदय से कोमल होते हैं. 


द्वादशी तिथि- द्वादशी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति चंचल बुद्धि का होते हैं. यह कभी शांत नहीं बैठते हैं, इनका मस्तिष्क कुछ न कुछ सोचने में व्यस्त रहता है. आर्थिक योजना बनाने में तेज होते हैं. दूर शहर व देशों की यात्रा में रूचि रखने वाले होते हैं.


त्रयोदशी तिथि- त्रयोदशी में उत्पन्न व्यक्ति साधक होते हैं. विद्यार्थी जीवन से लेकर करियर तक तप करने से पीछे नहीं हटते हैं. बुद्धिमान व प्रबंधन क्षमता में कुशल होते हैं. यह अपने मन को काबू में रखते हैं.


चतुर्दशी तिथि- चतुर्दशी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति धनी होते हैं. यह थोड़ा का कर्म करके अधिक लाभ प्राप्त करते हैं. अच्छे कार्यों के लिए सम्मानित तथा यशस्वी होते हैं. समाजसेवा से संबंधित कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.


पूर्णिमा तिथि- पूर्णिमा तिथि में जन्मा व्यक्ति अच्छा भोजन करने वाले होते हैं, यह कभी अकेले भोजन नहीं करते हैं. मन से सदैव प्रसन्न रहते हुए अच्छी संगत करते हैं. पैसे को लेकर जीवन में कभी दिक्कतें नहीं आती हैं. अपनी समस्याओं को जल्दी दूसरों से शेयर नहीं करते हैं.


अमावस्या तिथि- जिस व्यक्ति का जन्म अमावस्या में होता है, वह धीरे-धीरे कार्य आरम्भ करने वाले होते हैं. जो भी कार्य करते हैं उसको नियमानुसार और अच्छे तरीके से करना इनका मुख्य उद्देश्य होता है. जिस व्यक्ति से नाराज हो जाते हैं, उसके प्रति मन में द्वेष पाल लेते हैं. अत्यधिक क्रोधित होने पर इनको अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रह जाता है.


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