Kajari Teej 2024: कजरी तीज यानि सातुड़ी तीज का त्योहार 22 अगस्त आज मनाया जा रहा है. इस व्रत में महिलाएं मेहंद लगाकर दुल्हन की तरह तैयारी होती है और फिर शाम को माता पार्वती, शिव जी (Shiv ji) और नीमड़ी माता (Nimdi mata) की पूजा करती है.

मान्यता है कि ये व्रत स्त्रियों को अखंड सौभाग्य, सुख, समृद्धि प्रदान करता है और उनके समस्त कष्टों का नाश करता है. कजरी तीज में सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत करने का विधान है. चांद की पूजा के बाद ही इस व्रत को पूर्ण माना जाता है. जानें आज कजरी तीज पर आपके शहर में चांद (Moon Rise Time) कब निकलेगा.

कजरी तीज की पूजा सामग्री (Kajari Teej Puja Samagri)

कजरी तीज की पूजा में शिवलिंग, नीम की टहनी, शिव-पार्वती की तस्वीर, कुमकुम, गंगाजल, घी, तेल, कपूर, सुपारी,  हल्दी, चंदन, कलश, भांग, धतूरा, अगरबत्ती, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, शमी के पत्ते, गाय का दूध,दही, मिश्री, शहद जनेऊ, जटा नारियल,  दूर्वा घास, पीला वस्त्र, श्रीफल जैसी सामग्री की आवश्यकता रहती है.

कजरी तीज 2024 आपके शहर में चंद्रोदय समय (Kajari Teej 2024 Moon rising time)

दिल्ली रात 08.43
पटना रात 08.11
चंडीगढ़  रात 08.44
लखनऊ सुबह 08.28
रांची  रात 08.11
जयपुर   रात 08.49
भोपाल रात 08.44
इंदौर   रात 08.51

कजरी तीज की पूजा विधि (Puja Vidhi)

कजरी तीज (Kajari Teej) पर पूजा के लिए पूजन स्थल पर सफाई करें. वहां गंगाजल छिड़कें. अब एक चौकी रखें. चौकी पर एक साफ कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें.

चौकी के साइड में गोबर या मिट्‌टी से तालाब नुमा आकृति बनाएं और इसमें जल-दूध डालें और दीवार के सहारे से उसपर एक नीम की टहनी लगा दें.

अब शिव परिवार की विधिवत पूजा करें, जौ, चने, गेहूं के सत्तू बनाए जाते हैं और उसमें घी और मेवा मिलाकर लड्डू का भोग लगाएं. रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.

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