Kalashtami 2021: कब है कालाष्टमी? भगवान कालभैरव को खुश करने के लिए इस दिन करें ये उपाय
Kalashtami 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी तिथि होती है. इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. आइये जानें इसके उपाय और पूजा विधि एवं महत्त्व.
Kalashtami 2021 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में कालाष्टमी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है. पंचांग के मुताबिक़, हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन को काल भैरवाष्टमी या भैरवाष्टमी के नाम से जाना जाता है. इस बार कालष्टमी का व्रत कल यानी 2 जून 2021 बुधवार को रखा जाना है. मान्यता है कि इस दिन काल भैरव की पूजा करने से कुंडली में राहु-केतु और नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिल जाती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव के अंश कालभैरव की पूजा- अर्चना की जाती है. कालाष्टमी व्रत रखने से सभी दुःख दूर हो जाते हैं. इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. आइये जानें ये विशेष उपाय.
बेलपत्र पर ऊं नम: शिवाय लिखें
कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की उपासना की जाती है. इस खास दिन को 21 बेलपत्र पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर भगवान शिव को अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
काले कुत्ते को रोटी खिलाएं
धार्मिक मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाने से कालभैरव के साथ शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं. इस उपाय को करने के उपासक की मनोकामना पूरी होगी.
घर में अगरबत्ती जलाएं
आपके घर में किसी भी तरह की समस्या मौजूद है तो कालाष्टमी के दिन काल भैरव के सम्मुख खुशबूदार 33 अगरबत्ती जलाएं. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जायेंगी.
कालाष्टमी व्रत का महत्व
पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक, काल भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के रौद्र रूप में हुई है. कालाष्टमी व्रत के दिन काल भैरव की विधि- विधान पूर्वक पूजा करने से काल भैरव प्रसन्न होकर बहकर के सभी दुःख दूर करते हैं. इनके अलावा भक्त इस दिन भगवान काल भैरव के सौम्य रूप बटुक की भी पूजा करते हैं.