Kalashtami Vrat 2021: आज है कालाष्टमी व्रत, इस दिन कालभैरव की पूजा करने से मिलती है शत्रुओं और सभी पापों से मुक्ति
Kalashtami Vrat 2021: कालाष्टमी को काल भैरवाष्टमी या भैरवाष्टमी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन कालभैरव की पूजा करने से काल भी भयभीत रहता है.
Kalashtami Vrat 2021: हर महीने की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी पर्व मनाया जाता है. कालाष्टमी को काल भैरवाष्टमी या भैरवाष्टमी भी कहा जाता है. चैत्र महीने में यह कालाष्टमी पर्व आज है. आज के दिन भगवान शंकर के रौद्ररूप यानी कि कालभैरव के बटुक रूप की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन कालभैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति को शत्रुओं और सभी पापों से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं कालभैरव की पूजा और उसके महत्व के बारे में.
ऐसे करें कालभैरव की पूजा: कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य-क्रिया से निवृत्त हो जाना चाहिए. इसके बाद भगवान भैरव का ध्यान करना चाहिए. ध्यान करने के बाद भगवान भैरव को गुलाल, चावल, सिन्दूर, फूलमाला और फूल चढ़ाना चाहिए. इतना सब-कुछ करने के बाद भगवान भैरव की पूजा करनी चाहिए और कालभैरव के मंत्रों का 108 बार जप करना चाहिए. इसके बाद मंदिर जाकर काजल और कपूर आदि का दान करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को यश, धन, सफलता और कष्टों से छुटकारा मिलता है.
कालाष्टमी व्रत मंत्र:
अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!
कालाष्टमी व्रत का महत्व: ऐसी मान्यता है कि कालभैरव की पूजा करने से व्यक्ति को सभी पापों, नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं से छुटाकारा मिल जाता है. कालभैरव की पूजा करने से सभी तरह के भय, जादू-टोना और भूत-प्रेत आदि की परेशानी ख़त्म हो जाती है. कालभैरव की पूजा करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से भी छुटकारा मिलता है.
ऐसे करें नकारात्मक शक्तियों को दूर: यदि कोई व्यक्ति नकारात्मक शक्तियों से परेशान है तो उसे कालाष्टमी के दिन काले तिल, काले उड़द, काले कपड़े और साथ में 11 रूपए लेकर भगवान भैरव के मंदिर में चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने व्यक्ति की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं.