Kalashtami 2021: कालाष्टमी आज, करें ये उपाय, प्रसन्न होंगे भगवान कालभैरव, दूर करेंगें हर परेशानी
Kalashtami vrat 2021: कालाष्टमी व्रत में भगवान शिव के रूद्र अवतार कालभैरव की पूजा की जाती है, जो कि आज है. इनकी विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर सभी परेशानियां दूर होने की मान्यता है.
Kalashtami Vrat 2021: पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है, जोकि दोपहर बाद 2 बजकर 01 मिनट पर लगेगी. हिंदू धर्म में हर महीने की कृष्ण अष्टमी तिथि को काल भैरव का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव के रूद्र रूप काल भैरव का व्रत रखकर उनकी पूजा की जाती है. इस दिन को भैरव अष्टमी भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से भक्त के अंदर से भय, नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओंसे छुटकारा मिलता है.
कालाष्टमी व्रत शुभ मुहूर्त
- कालाष्टमी व्रत की अष्टमी तिथि प्रारंभ होने का समय – 1 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 01 मिनट पर
- कालाष्टमी व्रत की अष्टमी तिथि समाप्त होने का समय – 2 जुलाई 2021 को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर होगा.
कालाष्टमी व्रत का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव को भगवान शिव का पांचवा अवतार माना गया है. इस दिन काल भैरव के अलावा मां दुर्गा की पूजा की भी परंपरा है. मान्यता है कि काल भैरव जी और मां दुर्गा की पूजा व भक्ति करने से व्यक्ति के रोगों का समूल नाश हो जाता है एवं भूत, पिशाच एवं काल भी दूर हो जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन और श्रद्धा भाव से काल भैरव की उपसाना करने से भक्त के रुके हुए कार्य स्वयं ही बनते चले जाते हैं तथा सभी तरह के ग्रह-नक्षत्र और मुख्य ग्रहों का कुप्रभाव भी खत्म हो जाता है. हर मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मां दुर्गा का रूप शीतला माता की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है और चेचक रोग से छुटकारा मिलता है.