कामदा एकादशी व्रत का 24 अप्रैल को पारण किया जाएगा. पंचांग के अनुसार इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी की तिथि में शुभ मुहूर्त के अंतर्गत किया जाता है. 


एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से भी एक माना जाता है. एकादशी का व्रत दशमी की तिथि के समापन से ही आरंभ हो जाता है. इस व्रत को पूर्ण करने में कठोर नियम और अनुशासन का पालन करना पड़ता है. इसीलिए एकादशी के व्रत को कठिन व्रतों की श्रेणी में रखा जाता है.


Kamada Ekadashi Vrat 2021: 23 अप्रैल को एकादशी तिथि थी. इस एकादशी की तिथि को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. चैत्र मास की इस एकादशी तिथि का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. कामदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने और पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियां भी दूर होती हैं. इसके साथ ही कामदा एकादशी का व्रत सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है.


कामदा एकादशी व्रत पारण का महत्व
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार एकादशी के व्रत के समापन को पारण कहा जाता है. एकादशी व्रत का समापन एकादशी तिथि के अगले दिन यानि द्वादशी की तिथि को सूर्योदय के बाद किया जाता है. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले कर देना चाहिए. यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद करना चाहिए. हरि वासर के दौरान व्रत का पारण नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अच्छा नहीं माना गया है. 


कामदा एकादशी व्रत पारण मुहूर्त
पारण मुहूर्त: 24 अप्रैल को प्रात: 05 बजकर 47 मिनट से प्रात: 08 बजकर 24 मिनट तक 
द्वादशी तिथि का समापन: 24 अप्रैल शाम 07 बजकर 17 मिनट


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