Kamika Ekadashi 2020: 15 जुलाई से आरंभ होगी एकादशी की तिथि, जानें एकादशी व्रत के समापन का समय, न करें ये गलती
Kamika Ekadashi 2020 Date: कामिका एकादशी व्रत 16 जुलाई को है. लेकिन एकादशी की तिथि पंचांग के अनुसार 15 जुलाई से ही आरंभ हो जाएगी. सावन मास में पड़ने वाली कामिका एकादशी का व्रत विशेष फलदायी माना गया है.
![Kamika Ekadashi 2020: 15 जुलाई से आरंभ होगी एकादशी की तिथि, जानें एकादशी व्रत के समापन का समय, न करें ये गलती Kamika Ekadashi 2020 know when is Kamika Ekadashi Date Time Shubh Mahurat and Parana Day Hari Vasara Kamika Ekadashi 2020: 15 जुलाई से आरंभ होगी एकादशी की तिथि, जानें एकादशी व्रत के समापन का समय, न करें ये गलती](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/07/15201923/today-fast.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Kamika Ekadashi 2020 Date, time And shubh mahurat: पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 15 जुलाई की रात 10 बजकर 19 मिनट से होगा. कामिका एकादशी का व्रत आज रात से ही आरंभ होगा. क्योंकि जिस दिन से तिथि का आरंभ होता है उसी समय से व्रत का आरंभ माना जाता है. लेकिन व्रत का संकल्प 16 जुलाई को ही लिया जाएगा.
एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे श्रेष्ठ व्रत माना गया है. महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर और अर्जुन का एकादशी के व्रत के महत्व के बारे में बताया था. मान्यता है कि एकादशी व्रत का लाभ इस लोक और परलोक में भी लाभ मिलता है पिछले जन्मों के पापों से भी एकादशी का व्रत मुक्ति दिलाने वाला माना गया है.
एकादशी व्रत का आरंभ जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही इस व्रत का समापन भी महत्वपूर्ण है. जिसे पारण कहा जाता है. पंचांग के अनुसार कामिका एकादशी का आरंभ 15 जुलाई को रात्रि 10 बजकर 19 मिनट से होगा. वहीं इस एकादशी की तिथि का समापन 16 जुलाई को रात्रि 11 बजकर 44 मिनट पर होेगा.
17 जुलाई को होगा कामिका एकादशी व्रत का पारण कामिका एकादशी व्रत का पारण 17 जुलाई को किया जा सकेगा. पंचांग के अनुसार व्रत का समापन का मुहूर्त इस दिन प्रात: 05 बजकर 57 से प्रात: 08 बजकर 57 मिनट तक है. वहीं पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय प्रात: 05 बजकर 57 मिनट है.
एकादशी का पारण सावधानी से करें एकादशी का व्रत तभी सफल माना जाता है जब इसमें विधि विधान का पूरी तरह से पालन किया. सभी व्रतों में इसीलिए एकादशी के व्रत को सबसे कठिन व्रत माना जाता है. एकादशी के व्रत का पारण व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाना चाहिए. ध्यान रहे एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना शुभ माना गया है. वहीं एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान नहीं करना चाहिए. व्रत का समापन करने के लिए सबसे उत्तम समय प्रात:काल माना गया है.
16 जुलाई को है कर्क संक्रांति, मिथुन राशि से निकलकर सूर्य करेंगे कर्क राशि में प्रवेश, जानें प्रभाव
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)