(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kamika Ekadashi 2021: कामिका एकादशी व्रत आज, व्रत कथा व पूजा से मन्नतें होगी पूरी, जानें मुहूर्त व पारण समय
Kamika Ekadashi 2021: सावन मास के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि को कामिका एकादशी कहते हैं. इस तिथि को व्रत रखने व भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मन्नतें पूरी होने की मान्यता है.
Kamika Ekadashi 2021 Vrat Katha: हिंदी पंचांग के अनुसार आज सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. इसे कामिका एकादशी भी कहते हैं. एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होती है. धार्मिक मान्यता है कि कामिका एकादशी को व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा –उपासना करने से भक्तों की सभी मन्नतें पूरी होती हैं. इस लिए इस एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार सावन कामिका एकादशी व्रत 04 अगस्त बुधवार को पड़ रहा है.
कामिका एकादशी 2021 व्रत मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 03 अगस्त दिन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से शुरू हो गई है और यह एकादशी तिथि अगले दिन 4 अगस्त दिन बुधवार को दोपहर बाद 03 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी. उसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ हो जायेगी. चूंकि व्रत में उदया तिथि का नियम लागू होता है. इस लिए कामिका एकादशी का व्रत 04 अगस्त दिन बुधवार को रखा गया है. इस दिन प्रात: काल 05:44 बजे से लेकर अगले दिन 05 अगस्त को प्रात: 04:25 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी है. ऐसे में इस वर्ष कामिका एकादशी व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा.
कामिका एकादशी 2021 व्रत का पारण समय
कामिका एकादशी व्रत के पारण के लिए शुभ मुहूर्त 05 अगस्त दिन गुरुवार को प्रात: कल 05 बजकर 45 मिनट से सुबह 08 बजकर 26 मिनट तक है. इस लिए व्रत का पारण इसी बीच करना उत्तम होगा. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन शाम को 05 बजकर 09 मिनट पर होगा.
कामिका एकादशी व्रत कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में पहलवान रहता था. वह एक नेक दिल का परंतु बहुत क्रोधी था. एक दिन पहलवान का एक ब्राह्मण से झगड़ा हो गया और वह क्रोध के वश में होकर उसकी हत्या कर दी. इस लिए इस पर ब्राह्मण पर हत्या का दोष लग गया. दोष के कारण इसे समाज से बहिष्कृत कर दिया गया. पहलवान ने एक साधु से इस दोष मुक्ति का उपाय पूंछा. साधू ने इसे कामिका एकादशी का व्रत रखने और विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए कहा. पहलवान ने ऐसा ही किया और वह भगवान विष्णु की कृपा से दोष मुक्त हो गया. उसी दिन से कामिका एकादशी व्रत रखने का प्रचलन हो गया.