Kanya Sankranti 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह संक्रांति मनाई जाती है. साल में 12 संक्रांति होती है. अश्विन माह में आने वाली संक्रांति कन्या संक्रांति होती है. जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन को उस राशि के नाम पर संक्रांति मनाई जाती है. कन्या संक्रांति 17 सितंबर 2022 (Kanya Sankranti 2022 Date) शनिवार को है. इस दिन सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और यहां एक माह तक विराजमान होंगे. आइए जानते हैं कन्या राशि का पुण्य काल और इस दिन किस भगवान की पूजा होती है.


कन्या संक्रांति 2022 पुण्य काल मुहूर्त (Kanya Sankranti 2022 muhurat)


कन्या संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07 बजकर 36 मिनट - दोपहर 02 बजकर 08 मिनट


अवधि - 06 घण्टे 33 मिनट


कन्या संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07 बजकर 36 मिनट - सुबह 09 बजकर 38 मिनट


अवधि - 02 घण्टे 03 मिनट्स


कन्या संक्रान्ति का क्षण - सुबह 07:36


कन्या संक्रांति महत्व (Kanya Sankranti significance)


कन्या संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व है. इस दिन पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और उनके नाम से दान करना बहुत फलदायी माना गया है. कन्या संक्रांति के दिन भगवान ‌विश्वकर्मा का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा इस ब्रह्मांड के रचियता माने जाते हैं. इस दिन विशेषकर औजारों की पूजा का विधान है. माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के महल और शस्त्रों (शिव का त्रिशूल) का भी निर्माण किया था.


कन्या संक्रांति पूजा का प्रभाव


कन्या संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है. तेज, यश,कीर्ति की प्राप्ति होती है. सूर्य देव की कृपा से आरोग्य का वरदान मिलता है. इस दिन विधि वत सूर्य देव को अर्घ्य दें. सूर्य के कन्या राशि में गोचर से कन्या के साथ कई राशि वालों को शुभ-अशुभ फल मिलेगा.


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