Kark Sankranti 2022: पंचांग के अनुसार कर्क संक्रांति (Kark Sankranti 2022) में भगवान सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन हो जाते हैं. जिसकी वजह से रातें लंबी होती हैं और दिन छोटे होने लगते हैं. यह एक स्वाभाविक खगोलीय घटना है. जो हर 6 महीने के बाद बदलती रहती है. भगवान सूर्य की संक्रांतियों में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) और कर्क संक्रांति विशेष है.


इन दोनों संक्रांतियों में मौसम परिवर्तित हो जाता है. मकर संक्रांति से दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है. जबकि कर्क संक्रांति से रात बड़ी और दिन छोटे होने लगते हैं. इस साल 2022 में कर्क संक्रांति 17 तारीख दिन रविवार को पड़ेगी.


कर्क संक्रांति का प्रभाव (Kark Sankranti effect)


कर्क संक्रांति (Kark Sankranti 2022) के समय मानसून का आगमन हो जाता है. जब सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन में यात्रा प्रारंभ करते हैं. तब मौसम में बदलाव देखने को मिलता है. ऐसी मान्यता है कि इस समय नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है. इस समय देवताओं की रात्रि शुरू हो जाती है. इसलिए कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. ऐसे समय में पूजा-पाठ पर विशेष ध्यान दिया जाता है.


कर्क संक्रांति में अवश्य करें ये कार्य


कर्क संक्रांति से पूर्व देवशयनी एकादशी होती है. चातुर्मास का प्रारंभ हो जाता है. जिसके कारण सभी मांगलिक कार्य पर प्रतिबंध लग जाता है. इस समय नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं. इसलिए कर्क संक्रांति के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए पिंडदान किया जाता है. उन की शांति के लिए पूजा पाठ किया जाता है. जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हमारे मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं.



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