Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि कल, धनतेरस पर इस शुभ मुहूर्त में भोलेनाथ की कृपा पाने का बना है शानदार संयोग
Kartik Masik Shivratri 2022: कार्तिक माह की मासिक शिवरात्रि व्रत धनतेरस के दिन 23 अक्टूबर 2022 रविवार को रखा जाएगा. आइये जानें कार्तिक मासिक शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त और महत्व.
Kartik Masik Shivratri 2022 Puja Muhurt: मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. अति शुभ माह कार्तिक का महीना चल रहा है. कार्तिक माह की शिवरात्रि का व्रत 23 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा –उपासना की जाती है. इससे भगवान भोलेनाथ अति प्रसन्न होकर भक्तों के सारे कष्ट, दुःख-और दर्द हर लेते हैं. इन दिन धनतेरस भी है. ऐसे में इस शिवरात्रि व्रत का पुण्य लाभ कई गुना बढ़ जाएगा.
कार्तिक मासिक शिवरात्रि 2022 मुहूर्त (Kartik Masik Shivratri 2022 Muhurat)
- कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि आरंभ : 23 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को शाम 06 बजकर 03 मिनट से
- कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त : 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को शाम शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
- कार्तिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त : 23 अक्टूबर 2022 को रात 11:46 PM से 24 अक्टूबर 2022, 12:37 AM
कार्तिक मासिक शिवरात्रि 2022 शुभ योग
कार्तिक शिवरात्रि व्रत को यानी कल 23 अक्टूबर को दो बेहद शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. मान्यता है कि ऐसे शुभ योग में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा उपासना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
- अमृत सिद्धि योग : 23 अक्टूबर 2022, दोपहर34 - 24 अक्टूबर 2022, सुबह 06.31
- सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन
कार्तिक शिवरात्रि पूजा विधि
शिवरात्रि के दिन स्नानादि के बाद सुबह भोलेनाथ के मंदिर में जाकर शिवलिंग का अभिषेक करें. बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं. शिवरात्रि की पूजा चार प्रहर में उत्तम फलदायी है. जो सूर्यास्त के बाद शुरु होकर ब्रह्म मुहूर्त तक चलती है. इस दौरान शिव का हर प्रहर में दूध, दही, घी, शहद से अभिषेक करना चाहिए.
कार्तिक मासिक शिवरात्रि व्रत पूजा का महत्व
कार्तिक मास में व्रत पूजा का विशेष महत्व होता है. इस कारण कार्तिक मासिक शिवरात्रि व्रत पूजा का महत्व और बढ़ जाता है. मासिक शिवरात्रि का व्रत विवाह में आ रही बाधा, धन की समस्या, गंभीर रोग से मुक्ति दिलाता है. जीवन के सारे कष्ट और दुःख दर्द दूर हो जाते हैं. इस व्रत के प्रभाव से सुयोग्य जीवनसाथी की मनोकामना बहुत जल्द पूरी होती है.
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