Masik Shivratri 2024: दिवाली से पहले मासिक शिवरात्रि कब है, पूजा का सही मुहूर्त यहां देखें
Masik Shivratri 2024: कार्तिक माह में चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी. दिवाली से पहले इस दिन शिव पूजा का विशेष महत्व है, महादेव की कृपा से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है.
Kartik Masik Shivratri 2024: कार्तिक माह में शिव जी की पूजा के लिए चतुर्दशी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसे मासिक शिवरात्रि कहते हैं. इस दिन महादेव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है. इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करते हैं.
मान्यता के अनुसार, जिन लोगों के विवाह में दिक्कतें आ रही हैं अगर वे लोग इस दिन सच्ची श्रद्धा से भोलेनाथ की पूजा करें तो उनके विवाह से जुड़ी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. कार्तिक माह की मासिक शिवरात्रि अक्टूबर में कब है, यहां देखें डेट, पूजा मुहूर्त.
कार्तिक मासिक शिवरात्रि 2024 डेट (Kartik Masik Shivratri 2024 date)
कार्तिक माह में मासिक शिवरात्रि 30 अक्टूबर 2024 को है. इस दिन जो भक्त मास शिवरात्रि का व्रत करते हैं, भगवान शिव उनसे प्रसन्न होकर उनके सभी कामों को सफल बनाते हैं. दाम्पत्य जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ आती हैं.
कार्तिक मासिक शिवरात्रि 2024 मुहूर्त (Kartik Masik Shivratri 2024 muhurat)
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर 2024 दोपहर 01.15 से शुरू होगी और अगले दिन 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 52 तक रहेगी.
शिव पूजा समय - रात 11.39 - प्रात: 12.31, 31 अक्टूबर
मासिक शिवरात्रि पर क्या उपाय करें
अगर आप अपनी सफलता के मार्ग में आ रही बाधाओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आज के दिन आपको शिव-शंभु के आगे बैठकर उनके इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए, मंत्र है- शवे भक्ति:शिवे भक्ति:शिवे भक्तिर्भवे भवे। अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरणं मम्।। आज के दिन ऐसा करने से आपकी सफलता के मार्ग में आ रही बाधाएं जल्द ही दूर हो जायेंगी.
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri Puja vidhi)
कार्तिक शिवरात्रि की तिथि पर सूर्योदय से पहले स्नान कर लें और साफ वस्त्रों को धारण करें. इसके बाद आप निशिता काल मुहूर्त में शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गन्ने के रस आदि से अभिषेक करें. इस दौरान गंगाजल में काला तिल मिलाकर 108 बार महामृत्युजंय मंत्र का जाप करें और शिवलिंग पर अर्पित करें. बाद में आप महादेव को उनकी प्रिय चीजें अर्पित करते जाएं. सामान अर्पित करने के बाद आप आटे का चौमुखी दीपक जलाएं और शिव मंत्र, शिव चालीसा का पाठ करें.
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