Kartik Month 2021 For Students: कार्तिक माह (Kartik Month) की शुरुआत 21 अक्टूबर से हो चुकी है. बता दें कि कार्तिक का महीना भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu Puja) को समर्पित है. चार माह बाद कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी (Devouthan Ekadashi) के दिन भगवान निद्रा से जागते हैं. इसके साथ चतुर्मास की समाप्ति हो जाती है. कार्तिक मास में पूजा-पाठ (Kartik Month Puja Path) का विशेष महत्व है. इसमें मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और तुलसी जी की पूजा का विशेष महत्व है. इस माह में किया गया पूजा-पाठ लोगों को सद्गति की ओर ले जाता है. चतुर्मास के समापन के बाद शुभ कार्य किए जा सकते हैं.
कार्तिक के महीने में सालभर के सभी बड़े त्योहार जैसे करवा चौथ (Karwa Chauth), अहोई (Ahoi), दिवाली (Diwali), भाईदूज (Bhaidooj) आदि भी पड़ते हैं. इस कारण भी काफी विशेष माना जाता है कार्तिक का महीना. लेकिन कहते हैं कि पढ़ाई के लिहाज से भी ये महीना काफी खास होता है. ज्योतिषियों का कहना है कि अगर छात्र इस महीने में कुछ आदतों का त्याग करके अध्ययन करें, तो उनकी एकाग्रता बढ़ने लगती है. वे तेजी के साथ आगे बढ़ते हैं.
सफलता की संभावनाएं बढ़ती हैं
पुराणों के अनुसार कार्तिक का महीना सद्बुद्धि, लक्ष्मी और मुक्ति प्राप्त कराने वाला महीना भी कहा जाता है. कहते हैं कि अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ आदतों को त्यागकर कड़ी मेहनत करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही माता सरस्वती भी प्रसन्न होती हैं. ऐसे में विद्यार्थी बीमारी, परेशानी और तमाम विघ्नों से दूर होकर पूरा फोकस अपनी पढ़ाई पर कर पाता है. ऐसे में उनके सफल होने की संभावना भी काफी प्रबल हो जाती है. लेकिन इसके लिए इन आदतों का त्याग करना जरूरी है.
इन आदतों का करें त्याग
1. कार्तिक का महीना पूजा-पाठ, व्रत आदि का महीना है. कहते हैं कि इस महीने में मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही किसी प्रकार का नशा जैसे धूम्रपान और शराब से भी दूरी बनाए रखें. खासतौर से छात्रों को इनसे दूर ही रहना चाहिए.
2. ऐसी भी मान्यता है कि कार्तिक मास में मालिश करने की मनाही होती है, हालांकि मालिश से शरीर हष्ट पुष्ट होता है. सिर्फ नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली के दिन ही तेल मालिश करना शुभ माना गया है.
3. कार्तिक के महीने में उड़द, मूंग, मसूर, चना और मटर की दाल खाने की मनाही होती है. इसमें अरहर की दाल खा सकते हैं. साथ ही इस माह में राई खाने से भी परहेज करना चाहिए.
4. इस पूरे महीने ब्रह्मचर्य व्रत का पान करना चाहिए. ऐसा करने से छात्रों का मन नहीं भटकता और वे पूरी निष्ठा के साथ परिश्रम कर पाते हैं. इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
5. मान्यता है कि कार्तिक माह में भगवान विष्णु पृथ्वीलोक पर आकर लोगों का हाल देखते हैं. ऐसे में छात्र को अपने लक्ष्य के प्रति गंभीरता दिखाते हुए सात्विक जीवन जीना चाहिए.