(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kartik Purnima 2020: 30 नवंबर को है कार्तिक पूर्णिमा, इस दिन की इन पांच घटनाओं का है विशेष महत्त्व
Kartik Purnima Important Event: इस साल कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है. इस दिन इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लगेगा. इससे इस दिन के स्नान पर्व का महत्व और अधिक बढ़ गया है. आइये जानें इनके साथ इस दिन हुई इन पांच घटनाओं को जिनके कारण कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में विशेष महत्व है.
Kartik Purnima Important Event 2020: कार्तिक पूणिमा, कार्तिक महीने का आखिरी दिन है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का बहुत अधिक महत्त्व है. स्नान के बाद दान देने से पुण्य मिलता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर सर्वार्थसिद्धि योग व वर्धमान योग बन रहे हैं. इस योग के कारण कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन जप, ताप, पवित्र नदियों से स्नान, दान आदि करने का पुण्य अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुणा प्राप्त होता है. इस दिन इन पांच घटनायें हुई है जिनकी वजह से कार्तिक पूणिमा का हिन्दू धर्म में अधिक महत्त्व है.
भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार: विष्णु पुराण के मुताबिक, भगवान विष्णु ने अपने दस अवतारों में पहला अवतार मत्स्य अवतार का रूप धारण किया था. मत्स्य अवतार में उन्होंने प्रलय काल के दौरान वेदों की रक्षा की थी. भगवान् का यह अवतार कार्तिक पूर्णिमा के दिन होने से वैष्णव मत में इस पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है.
इस दिन भगवान शिव बने त्रिपुरारी: शैव मत के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को त्रिपुरारी का नाम मिला था. ऐसी मान्यता है कि इस दिन महादेव ने ख़ास रथ पर बैठकर अजेय असुर त्रिपुरासुर का वध किया था. इस राक्षस के मारे जाने से तीनों लोकों में फिर से धर्म की स्थापित हुआ. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं.
पांडवों का दुःख समाप्त हुआ: महाभारत युद्ध में पांडवों के सगे संबंधियों की असमय ही मृत्यु हुई थी इनकी आत्मा को शांति कैसे मिले? इसे लेकर पांडव बहुत दुखी थे. पांडवों के दुःख को देखकर कृष्ण भगवान ने पितरों की शांति का उपाय बताया. यह उपाय कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के कृष्ण अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक की विधि शामिल थी. आत्मा की शांति के लिए गढ़ मुक्तेश्वर में पिंडदान और दीपदान किया था.
देवी तुलसी बैकुंठ धाम गई: मान्यताओं के अनुसार तुलसी का विवाह देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप के साथ हुआ. पूर्णिमा के दिन तुलसी बैकुंठधाम गई.
सिख धर्म की स्थापना हुई: सिख धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है. मान्यता है कि इस दिन सिख धर्म की स्थापना हुई थी और इस धर्म में प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था. सिख धर्म के अनुयायी इस दिन को प्रकाश उत्सव के रूप में मानते हैं.