Kartik Purnima 2023 Highlights: कार्तिक पूर्णिमा पर कई शुभ योग, जानिए गंगा स्नान, दान, पूजा-पाठ आदि का मुहूर्त और महत्व

Kartik Purnima 2023 Highlights: कार्तिक माह की पूर्णिमा को पुराणों में अति पुष्यकरिणी माना गया है. इस तिथि में स्नान, दीपदान, व्रत और पूजन का विशेष महत्व होता है और इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

एबीपी लाइव Last Updated: 27 Nov 2023 12:58 PM
कार्तिक पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Kartik Purnima 2023 Muhurat)

पूर्णिमा स्नान - सुबह 05.05 - सुबह 05.58 (27 नवंबर 2023)
सत्यनारायण व्रत पूजा - सुबह 09.30 - सुबह 10.49 (27 नवंबर 2023)
प्रदोष काल (दीपदान) - शाम 05.24 - रात 07.05 (26 नवंबर 2023)
चंद्रमा पूजा - शाम 04.29 (26 नवंबर 2023)
लक्ष्मी पूजा - 26 नवंबर, रात 11.41 - 27 नवंबर 2023, प्रात: 12.35

कार्तिक पूर्णिमा पर क्षीरसागर दान का महत्व (Kartik Purnima 2023 Daan)

कार्तिक पूर्णिमा पर क्षीरसागर दान को उत्तम माना जाता है. क्योंकि इस तिथि में भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. इसके लिए कार्तिक पूर्णिमा पर 24 अंगुल जितना लंबा पात्र लेकर इसे दूध से भर दें. फिर इसमें चांदी या सोने की मछली डालकर इस पात्र को किसी ब्राह्मण को दान दे दीजिए.

कार्तिक पूर्णिमा पर नवग्रहों के अनुसार दान (Kartik Purnima Daan)



































सूर्यगुड़ और गेहूं
चंद्रमामिसरी या दूध
मंगलमसूर की दाल
बुधहरी सब्जियां या आंवला
बृहस्पतिकेला, मक्का या चने की दाल
शुक्रघी, मक्खन या सफेद तिल
शनिकाला तिल, काली उड़द या सरसों का तेल
राहु-केतुसतनाज (सात तरह के अनाज), जूते-चप्पल या कंबल
कार्तिक पूर्णिमा शुभ योग (Kartik Purnima 2023 Shubh Yog)











शिव योग (Shiv Yog)27 नवंबर रात 11:39 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yoga)27 नवंबर दोपहर 01:35 से 28 नवंबर सुबह 06:54 तक
कार्तिक पूर्णिमा 2023 शुभकामनाएं (Kartik Purnima Wishes)

कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि है सबसे सुंदर
बरसे देवताओं का प्यार हर घर के अंदर
चंद्रमा की चांदनी और मां लक्ष्मी का प्यार
मुबारक हो आपको कार्तिक पूर्णिमा का त्यौहार
कार्तिक पूर्णिमा 2023 की ढेरों बधाई



गंगा स्नान पूजा विधि (Ganga Snan Puja Vidhi)

  • कार्तिक पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में स्नान करें.

  • गंगा नदी में स्नान संभव न हो तो, नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर ही स्नान करना चाहिए.

  • स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और 'ॐ आदित्याय नमः' का जाप करें.

  • कार्तिक पूर्णिमा की संध्या में चंद्रदेव को अर्घ्य देकर 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:'का जाप करें.

  • कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी के पास दीपदान करें. आप किसी भी नदी, सरोवर या तालाब आदि में भी दीपदान कर सकते हैं.

कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें (What to do on Kartik Purnima 2023)

  • सूर्योदय से पूर्व स्नान: कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें. इस दिन किए नदी स्नान से पापकर्म नष्ट होते हैं, रोग-दोष दूर होते हैं और 100 राजसूय अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है.

  • सूर्येदव को अर्घ्य दें: स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. इससे भगवान भास्कर का आशीर्वाद मिलता है.

  • दान करें: कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और पूजन के बाद अपने सामर्थ्यनुसार कुछ न कुछ दान जरूर करें. आप अन्न, फल, तिल, चावल, आवंला, पैसे आदि का दान कर सकते हैं.

  • दीपदान करें: कार्तिक पूर्णिमा पर नदी, तालाब, सरोवर, झील, मंदिर, आंगन या खुले आकाश के नीचे दीपदान करना चाहिए.

कार्तिक पूर्णिमा पर शिव कहलाए थे त्रिपुरारी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिवजी ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही किया था. इसके बाद देवताओं को इस महाबलशाली दानव के अत्याचारों से मुक्ति मिली थी और देवताओं ने खुश होकर भगवान शिव को त्रिपुरारी नाम दिया था.

कार्तिक पूर्णिमा पर राशि अनुसार दान: Kartik Purnima 2023 Daan



















































मेष राशिगुड़
वृषभ राशिगर्म वस्त्र
मिथुन राशिमूंग दाल
कर्क राशिचावल
कन्या राशिगेंहू
सिंह राशिहरा चारा
तुला राशिभोजन
वृश्चिक राशिगुड़ और चना
धनु राशिगर्म तासीर वाली खाने की चीजें
मकर राशिकंबल
कुंभ राशिकाली उड़द
मीनहल्दी या बेसन के लड्डू

 

कार्तिक पूर्णिमा पर कहां करें स्नान: Kartik Purnima 2023

कार्तिक पूर्णिमा के दिन वैसे तो पवित्र और मोक्षदायिनी गंगा नदी में स्नान करने का महत्व है. इस दिन लोग दूर-दूर से गंगा नदी में डुबकी लगाने आते हैं. इसी के साथ ही इस लोग हरिद्वार, पुष्कर, ऋषिकेश, वाराणसी, नासिक और कुरुक्षेत्र जैसे स्थानों पर भी स्नान के लिए जाते हैं.

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान ना कर पाएं तो क्या करें

कार्तिक पूर्णिमा पर वैसे तो गंगा स्नान का महत्व है. लेकिन किसी कारण आप गंगा स्नान न कर पाएं तो, घर पर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. स्नान के बाद आप विष्णुजी और मां गंगा की पूजा करें. इससे भी गंगा स्नान जैसा ही फल मिलेगा.

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का महत्व: Kartik Purnima 2023 Ganga Snan Importance

कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन पर गंगा स्नान का महत्व है. इस दिन किए गंगा स्नान से बुरे कर्मों का नाश होता है कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही इस दिन गंगा नदी के पास दीपदान करने से भी पुण्य फल मिलता है.

गंगा पूजन मंत्र: Ganga Pujan Mantra

गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि।
मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति
ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।



कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान टाइम: Kartik Purnima Ganga Snan Time

कार्तिक पूर्णिमा पर 27 नवंबर को गंगा स्नान 26 नवंबर की दोपहर को 3:53 मिनट से लेकर 27 नवंबर दोपहर 2:45 मिनट तक किया जा सकेगा. वहीं सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो, 27 नवंबर को सुबह 05:05 - सुबह 05:58 तक का समय गंगा स्नान के लिए श्रेष्ठ है.

कार्तिक पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त: Kartik Purnima 2023 Shubh Muhurat

  • अभिजीत मुहूर्त:  सुबह 11 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 12 मिनट तक

  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 12 मिनट तक

  • विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 37 मिनट से 02 बजकर 20 मिनट तक

  • अमृत काल: सुबह 11 बजकर 14 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 29 मिनट तक



बैकग्राउंड

Kartik Purnima 2023 Highlights: हिंदू धर्म में प्रत्येक मास पूर्णिमा तिथि पड़ती है. इस तरह के पूरे वर्ष में 12 और अधिकमास में 13 पूर्णिमा होती है. सभी पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व होता है. लेकिन कार्तिक महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा विशेष के साथ ही पवित्र और अधिक उत्तम मानी जाती है.


कार्तिक पूर्णिमा के दिन को लेकर कई मान्यताएं और पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हैं. इस दिन नदी स्नान करने, दीपदान करने का विशेष महत्व है. वहीं पौराणिक कथाओं पर गौर करें तो ऐसा कहा जाता है कि, इसी तिथि को भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और इसी दिन भगवान शिव के त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था.


इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का पर्व आज सोमवार, 27 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत वैसे तो रविवार 26 नवंबर दोपहर 03:53 से हो चुकी थी, जिसका समापन 27 नवंबर दोपहर 02:45 पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का स्नान, व्रत और पूजन आदि 27 नवंबर को ही करना मान्य होगा.


कार्तिक पूर्णिमा 2023 का महत्व (Kartik Purnima 2023 Significance)


कार्तिक पूर्णिमा का महत्व सभी मास में अधिक इसलिए है क्योंकि, स्वयं नारायण जी द्वारा कहा गया है कि मासों में, ‘मैं कार्तिक मास’ हूं. इसके साथ ही कार्तिक मास को लेकर शास्त्रों में उल्लेख है कि स्वयं भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को, इसके बाद ब्रह्मा जी ने नारद मुनि को और फिर नारद जी ने महाराज पृथु को कार्तिक मास के महात्म्य यानी महत्व के बारे में बताया था. कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के साथ ही त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि को भी पुराणों ने अति पुष्करिणी बताया गया है.


कार्तिक मास को लेकर शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के महत्व के बारे में बतलाया गया है. मान्यता है कि इस दिन किए गंगा स्नान से पूरे वर्षभर गंगा स्नान करने के समान फल की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सारे पापकर्म मिट जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. गंगा स्नान के साथ ही कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाए जाने का भी महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि, इस दिन दीपावली मनाने देव धरतीलोक आते हैं.


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