Karva Chauth 2019: कल करवा चौथ का त्योहार है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं. हिन्दू धर्म में इस त्योहार का खास महत्व है. मान्यता है कि अगर सुहागिन इस दिन स्त्रियां उपवास रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका गृहस्थ जीवन सुखी रहता है. ऐसे में आइए जानते हैं कैसे इस व्रत को रखें. साथ ही आपको बताने जा रहे हैं कि करवाचौथ पर क्या दान करें. साथ ही यह भी बताने जा रहे हैं कि कैसे सफल होगा करवाचौथ का व्रत.


कैसे करें करवाचौथ का व्रत?


करवाचौथ के बारे में धर्मसिंधु ग्रंथ में लिखा है. निर्णयसिंधु, वृतराज ग्रंथ में भी करवाचौथ के बारे में लिखा है. ग्रंथों के अनुसार ही पूजा-पाठ, व्रत करना चाहिए. अपने तरीके से पूजा करने पर कई बार नुकसान भी होता है. निर्जला व्रत का दिन है. बीमार महिलाएं निर्जला व्रत ना करें तो भी समस्या नहीं. रात को उगते चंद्रमा के दर्शन किए जाते हैं. बालचंद्र के दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाता है. यह उपवास पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. करवाचौथ का उपवास काफी कठिन है. जीवनसाथी का उपवास सही समय पर खुलवाएं. इस दिन व्रती महिलाओं को विशेष मान-सम्मान मिलना चाहिए.


सास सुबह-सुबह सरगी खिलाती हैं. सूर्योदय से पहले सरगी खा लेनी चाहिए. सरगी खाने के बाद व्रत शुरू करें. सूर्योदय होते ही संकल्प करें. ईष्ट के सामने बैठकर व्रत का मकसद बताएं. जल पिलाकर जीवनसंगिनी का व्रत खुलवाएं.


करवाचौथ पर क्या दान करें?


-कंबल, लोहे का सामान या बर्तन दान दे सकते हैं.


-पति के साथ जाकर दान करें.


-घर-गृहस्थी में शांति के लिए बेहदू जरूरी है दान


-व्रत के दौरान या व्रत पूरा करने के बाद दान दे सकते हैं.


-पति पर संकट है तो विशेष प्रार्थना करें.


-प्रार्थना के बाद पति की दाहिनी कलाई में रक्षा सूत्र बांधें.


-लाल, सफेद, पीले रंग का धागा बांध सकती हैं.


-उपाय से मन की इच्छा पूरी होगी.


कैसे सफल होगा करवाचौथ का व्रत?


-सुबह 06:23 बजे से रात 08:16 बजे तक उपवास करें.


-करवाचौथ की पूजा 05:50 बजे से 07:05 बजे के बीच में होगी.


-रात 08:16 बजे के करीब च्रंद उदय होगा.


-चंद्रमा को जल देने के बाद भगवान शिव की पूजा करें.


-11 बार ऊं नम: शिवाय का जाप करें.


-मां पार्वति नम: का भी 11 बार जाप करें.


-भगवान गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा करें.


-पूजा के बाद व्रत पूरा करें.


-जीवनसाथी के हाथ से जल ग्रहण करें