नई दिल्ली: करवा चौध पर अपने पति की लंबी आयु की कामना लेकर व्रत रखने वालीं  सुहागिनों का इंतजार खत्म हो गया है. जी हां कई शहरों चांद नजर आ गया है. जिन शहरों में चांद दिखाई दे गया है, वहां पर सुहागिन महिलाएं  चांद को अर्घ्य दे कर अपना व्रत खोल रही हैं.


चंद्रदेव को अर्घ्य देना और उनकी आराधना करना इस व्रत का एक महत्वपूर्ण भाग है. करवा चौथ के दिन सुबह से महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद और पति के हाथों से पानी पीकर यह व्रत पूरा होता है. करवा चौथ के व्रत की रात चांद को महिलाएं छलनी में से चांद को देखती हैं और फिर उसी छलनी में से देखा जाता है पति का चेहरा.


इसलिए दिया जाता है अर्घ्य
मान्यताओं के अनुसार चंद्र देव को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है और इनकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और पति की आयु भी लंबी होती है.


पौराणिक मान्यताएं कहती हैं कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की आराधना करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और दीर्घ आयु प्राप्त होती है.


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