Karwa Chauth पर सुहागिनों के लिए इन नियमों का पालन है ज़रुरी, भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये काम
इस बार करवा चौथ का व्रत आने वाली 4 तारीख को रखा जाएगा. जिस तरह हर व्रत के कुछ विशेष नियम होते हैं ठीक उसी तरह माता करवा व चंद्र देव के निमित्त किए जाने वाले करवा चौथ के व्रत के भी कुछ खास नियम है. जिनका पालन अवश्य रूप से करना चाहिए.
करवा चौथ सुहागिनों का पर्व माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं और रात को चंद्र देव के दर्शनों के बाद ही व्रत खोला जाता है. चांद की पूजा के बाद सबसे पहले महिलाएं पति के हाथ से पानी पीती हैं और इसी के साथ इनका व्रत पूरा हो जाता है. हर साल कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को ये पर्व मनाया जाता है जो इस बार 4 नवंबर को है. यानि इस बार करवा चौथ का व्रत आने वाली 4 तारीख को रखा जाएगा. जिस तरह हर व्रत के कुछ विशेष नियम होते हैं ठीक उसी तरह माता करवा व चंद्र देव के निमित्त किए जाने वाले करवा चौथ के व्रत के भी कुछ खास नियम है. जिनका पालन अवश्य रूप से करना चाहिए. साथ ही कुछ ऐसे भी काम हैं जिन्हें इस विशेष दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. अन्यथा इसके कुछ दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. अपनी इस रिपोर्ट में हम उन्हीं नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनका पालन इस दिन ज़रुर करना चाहिए.
करवा चौथ के नियम
- पहले नियम के मुताबिक इस दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
- इस दिन सफेद रंग की वस्तुओं का दान न करें. चूंकि चंद्रमा सफेद वस्तुओं के कारक हैं और इस दिन रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है इसीलिए इस दिन सफेद रंग की कोई भी वस्तु दान में न दें.
- करवा चौथ की पूजा संपन्न होने के बाद घर के बड़ों का आशीर्वाद ज़रुर लेना चाहिए.
- इस दिन किसी के साथ भी कटु शब्दों में बात नहीं करनी चाहिए. और ना ही किसी का दिल दुखाना चाहिए. सबसे सौहार्द पूर्ण तरीके से बात करनी चाहिए.
- सुहाग की चीज़ों का इस दिन विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. अगर आपने पूजा में सुहाग से संबंधित चीज़ों को शामिल किया है तो पूजा के बाद उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए या फिर मंदिर में रखकर आना चाहिए.
- इस दिन जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और फिर पूरे विधि विधान से व्रत का पालन करना चाहिए.
- इस दिन लाल रंग के कपड़े अगर सुहागिन स्त्रियां धारण करती हैं तो अति शुभ फलदायी माना जाता है. इसीलिए संभव हो तो इस दिन लाल रंग के वस्त्र ही धारण करने चाहिए.
- इस दिन भूल से भी पति से झगड़ा नहीं करना चाहिए. साथ ही हो सके तो भजन कीर्तन में समय व्यतीत करना चाहिए.