Karwa Chauth 2021: करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर करवा माता के साथ देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करती हैं. शाम को चांद दर्शन और विधि-विधान से पूजा करने के बाद पति की पूजा करती हैं, उसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत को पूर्ण करती है. इससे व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यदि हर बार करवा चौथ का व्रत रख रहीं हों परंतु इस बार किसी बीमारी या अन्य किसी मजबूरी के कारण इस बार व्रत न रख पा रहीं हों, तो आइए जानें क्या करना चाहिए?
स्वास्थ्य खराब होने या किसी मजबूरी पर इस तरह रखें करवा चौथ व्रत
- यदि वहीं कोई महिला हर बार विधि –विधान से व्रत रख रही हो परंतु इस बार वह बीमार हो या कोई अन्य मजबूरी में हो और पूजा करने की स्थिति में हों, तो वे फलाहारी उपवास रख कर इस व्रत के नियम का पालन कर सकती हैं. यह व्रत भी निर्जला व्रत ही माना जाएगा.
- यदि पत्नी बैठकर पूजा करने की स्थित में न हो तो पूजा सामग्री को पत्नी की हाथ लगवाने के बाद पूजा करें. कहा जाता है कि ऐसा करने से करवा चौथ व्रत का पूरा फल मिलेगा.
- यदि पत्नी का स्वास्थ्य अत्यंत खराब है, तो उसका पति भावनात्मक रूप से व्रत करने का संकल्प लेकर पति निर्जला व्रत रखें और शाम को पूजा के समय पत्नी को साथ बिठाकर पूजा करे, तो इस तरह व्रत रखने से भी उतना ही फल मिलेगा, जितनी पत्नी के व्रत रखने पर मिलता है.
- अगर किसी कारण वश दोनों लोग व्रत नहीं कर सकते तो मन में संकल्प लेकर भावनात्मक व्रत रख सकते हैं. शाम को अपने इष्ट देव से माफी मांगें. भावनात्मक रूप से चंद्रमा को प्रणाम और अर्घ्य दे. तो उसे व्रत का पूरा फल मिलेगा.
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