Karwa Chauth 2021: करवा चौथ पर सरगी और करवा का क्या है महत्व? जानें करवा चौथ की थाली को सजाने की विधि
Karwa Chauth 2021 Sargi: करवा चौथ व्रत के दिन महिलाएं प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि के बाद सारगी खाकर व्रत शुरू करती हैं. आइये जानें सारगी और करवा का क्या है महत्व?
Karwa Chauth 2021 Sargi: हिंदू धर्म की महिलाओं में करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत बहुत ही लोकप्रिय और महत्वपूर्ण है. यह व्रत हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर 2021 को है. इस दिन, विवाहित महिलाएं स्नान आदि करके सूर्योदय से पहले ‘सरगी’ (Sargi) खाती हैं. उसके बाद पूरे दिन बिना कुछ खाए और पानी पिए निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
सरगी क्या है?
सरगी वह भोजन है, जिसे करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाएं प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके सूर्योदय से पहले अर्थात ब्रह्म मुहूर्त में खाती हैं. इस भोजन में अलग-अलग तरह के फ्रूट्स शामिल होते हैं. यह सारगी बहुओं को अपनी सास से प्राप्त होता है. सरगी में कपड़े, सुहाग की चीजे, फेनिया, फ्रूट, ड्राईफ्रूट, नारियल आदि रखे होते हैं.
क्या होता है करवा?
करवा मिट्टी का बना लोटा या कलशनुमा एक पात्र होता है. इससे पूजा के बाद अर्घ्य दिया जाता है. मौजूदा समय में यह करवा तांबे, चाँदी व पीतल के भी निर्मित किये जाने लगे हैं.
करवा का महत्व
इस करवा पात्र को भगवान श्री गणेश का स्वरूप मानते हैं. शास्त्रों के अनुसार, इनके दान से सुख, सौभाग्य (सुहाग), अचल लक्ष्मी एवं पुत्र की प्राप्ति होती है. मान्यता व अटूट विश्वास है कि करवा दान से व्रती के सारे मनोरथ पूरे होते हैं.
करवा चौथ व्रत पूजा की थाली में रखें ये सामग्री
करवा चौथ व्रत पूजा में करवा और उसका ढक्कन, गंगाजल, पानी के लिए एक लोटा, रूई, अगरबत्ती, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, दीपक, रोली, अक्षत, फूल, चंदन, कुमकुम, गाय का कच्चा दूध, दही, देसी घी, चावल, मिठाई, शहद, चीनी, हल्दी, चीनी का बूरा, सिंदूर, चूड़ी, बिछुआ, चुनरी माता गौरी को बनाने के लिए पीली मिट्टी, चंद्रमा को जल अर्पित करने के लिए छलनी, लकड़ी के आसन आदि की जरूरत होती है. इस लिए पूजा की थाली में इसे जरूर रख लें. इसमें दक्षिणा के लिए कुछ पैसे भी रखें.
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