Karwa Chauth 2021 : करवा चौथ के दिन इन तीन स्थितियों में महिलाएं न रखें ये व्रत, सेहत के साथ न करें खिलवाड़
Karwa Chauth 2021: कार्तिक मास की शुरूआत 21 अक्टूबर को हो चुकी है और कार्तिक मास का पहला व्रत 24 अक्टूबर, रविवार के दिन पड़ रहा है.
Karwa Chauth 2021: कार्तिक मास की शुरूआत 21 अक्टूबर को हो चुकी है और कार्तिक मास का पहला व्रत 24 अक्टूबर, रविवार के दिन पड़ रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं करवा चौथ के व्रत की. सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं. शाम के समय शिव परिवार का पूजन किया जाता है. रात को चंद्र दर्शन के बाद पूजा करती हैं और चांद को अर्घ्य देकर पति के हाथों से दल पीकर व्रत खोलती हैं. वास्तव में करवा चौथ व्रत का उद्देश्य पति और पत्नी के संबंधों में मिठास पैदा करना है.
इस दिन व्रत के दौरान पत्नी भूखी और प्यासी रहकर पति के लिए अपना समर्पण दिखाती हैं और पति अपने हाथों से जल पीलाकर प्रेम को जाहिर करता है. महिलाएं जिस नियम के साथ व्रत को सालों से रखती आ रही हैं, उसी के साथ आज भी रखती हैं. तबियत खराब होने पर भी वे व्रत के नियमों में थोड़ा बदलाव नहीं करना चाहतीं. ऐसा करके वे अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करती हैं. आज बहुत ही ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें सेहत से जुड़ी समस्याएं हैं, ऐसे में लंबे समय तक भूखे या प्यासे रहना उनके लिए ठीक नहीं. ऐसे में उन्हें व्रत न रखकर सिर्फ पूजा आदि कर लेनी चाहिए. आइए जानते हैं किन लोगों को व्रत न रखने की सलाह दी जाती है.
इन तीन स्थितियों में न रखें व्रत
डायबिटीज की स्थिति में
लोगों की बदलती जीवनशैली ने उन्हें बीमारियों के घेरे में ला कर खड़ा कर दिया. पहले जो बीमारियां बुजुर्गों के सुनने में आया करती थीं, वे अब जावान लोगों में आम बात हो गई है. ऐसे में बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जो डायबिटीज की रोगी हैं. ऐसे में लंबे समय तक भूखे और प्यासे रहकर व्रत रखना उनके लिए ठीक नहीं. अगर वे ऐसा करती हैं तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं. लंबे समय तक भूखे रहने से ब्लड शुगर का स्तर घट या बढ़ सकता है, जिससे हाइपोग्लाइसेमिया या हाइपरग्लाइसेमिया का खतरा हो सकता है. वैसे तो डायबिटीज रोगी को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए. अगर आप रखना चाहती हैं कि अपने डॉक्टर की सलाह से ही रखें.
गर्भावती महिलाएं
गर्भवती महिला के शरीर को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है. ऐसे में करवा चौथ का व्रत रखने से महिला और बच्चे दोनों के लिए समस्या पैदा हो सकती है. कहते हैं कि पहली और तीसरी तिमाही में व्रत रखना ज्यादा खतरनाक होता है. लेकिन सब कुछ ठीक रहे, तो विशेषज्ञ दूसरी तिमाही में कुछ निर्देशों के साथ व्रत रखने की अनुमति दे सकते हैं. ऐसे में विशेषज्ञ के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें.
ब्लड प्रेशर से पीड़ित महिलाएं
कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर असंतुलित होने के कारण घटता-बढ़ता रहता है. ऐसे लोगों को भी करवाचौथ का व्रत न रखने को कहा जाता है. लंबे समय तक भूखे रहने से ऐसी महिलाओं के ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव की स्थिति पैदा हो सकती है, क्योंकि बीपी खानपान और दवाओं के भरोसे ही नियंत्रित रहता है. इसलिए बीपी पीड़ित महिलाएं व्रत न करें और अगर रखना ही है तो खाती पीती रहें.