Karwa Chauth 2022 Live: देखो चांद आया, चांद नज़र आया…भारत के इन शहरों में दिखा करवा चौथ का चांद

Karwa Chauth 2022 Puja Mhurat, Vidhi Live: पंचांग के अनुसार 13 अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व है. इस दिन मां गौरी की पूजा का विशेष महत्व है. करवा चौथ से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी यहां पर पढ़ें.

ABP Live Last Updated: 13 Oct 2022 09:00 PM
दिल्ली में दिखा चांद

दिल्ली के लाजपत नगर में भी चांद दिखा.





चंडीगढ़ में दिखा चांद

चंडीगढ़ में दिखा चांद . महिलाओं ने चांद देखकर मनाया करवा चौथ


 





करवा चौथ पर केतु का उपाय

करवा चौथ का पर्व आज मनाया जा रहा है. केतु को शांत करने के लिए गणेश जी की पूजा को सर्वोत्तम बताया गया है. मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से केतु ग्रह की शांति होती है. आज शाम शुभ मुहूर्त में गणेश जी की पूजा करें. इस दिन दूर्वा घास अर्पित करें और इस मंत्र का एक माला जाप करें-
ॐ कें केतवे नम:

आपके शहर में कब निकलेगा चांद 


मुंबई - 08.48 PM
दिल्ली - 09.09 PM
जयपुर - 08.19  PM
अहमादाबाद - 08.41 PM
चंदीगढ़ - 08.06 PM
बेंगलुरु - 08.40 PM
कोलकाता - 07.37 PM
लखनऊ - 07.58 PM

इन चीजों से खोलें करवा चौथ का व्रत

1- नारियल पानी- करवाचौथ का व्रत खोलते वक्त आप साधारण पानी की जगह नारियल पानी पिएं. इससे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलेगी. नारियल पानी मिनरल्स से भरपूर होता है इसलिए निर्जला व्रत खोलते वक्त आप नारियल पानी पिएं.


2- जूस पिएं- व्रत खोलते वक्त 1 घूट पानी पिएं. इसके बाद आप कोई जूस पी लें. इससे दिनभर की थकान और कमजोरी दूर हो जाएगी. फलों का जूस पीने से शरीर को तुरंत एनर्जी मिलेगी. इससे पोषक तत्वों की कमी भी पूरी हो जाएगी. 


3- नींबू पानी- करवाचौथ का व्रत खोलते वक्त पानी की जगह आप नींबू पानी पी लें. इससे शरीर में पानी की कमी पूरी हो जाएगी. नींबू पानी पीने से शरीर को विटामिन और मिनरल मिलते हैं. इसलिए तुरंत नींबू पानी पीना चाहिए. 


4- मिठाई- करवा चौथ का व्रत खोलते वक्त कुछ मीठा खाना चाहिए. इसलिए आप व्रत खोलते वक्त कोई मिठाई या फिर दूध से बनी खीर खा सकते हैं. इसके बाद ही पानी पिएं. खाली पेट पानी पीने से एकदम परेशानी हो सकती है. 


5- ड्राईफ्रूट्स- व्रत खोलते वक्त पहले थोड़े मेवा खा लें. ड्राईफ्रूट्स खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है. आप काजू, बादाम, अखरोट पिस्ता और किशमिश मिक्स करके खा सकते हैं. इसके बाद पानी पी लें. इससे शरीर को ताकत मिलेगी.

करवा चौथ पर शिव परिवार की पूजा

करवा चौथ के दिन  शिव-पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है. इस दिन माता पार्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए. क्योंकि माता पार्वती को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिला था. इसीलिए सुहागिन स्त्रियां इस दिन उनकी विधि और श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना करती हैं तो उन्हें भी अखंड सौभाग्य का पुण्य प्राप्त होता है. इसके साथ ही करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा करने से रोग, कष्ट और पाप मिट जाते हैं. चंद्रमा को शीतलता और प्रेम आदि का भी प्रतीक माना गया है. इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द में वृद्धि करता है. 

करवा पर चांद क्यों देखते हैं

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान गणेश का सिर जब धड़ से अलग हुआ था तो उनका सिर चंद्रलोक चला गया था. चंद्रलोक में गणेश जी का सिर होने के कारण चतुर्थी यानि करवा चौथ के दिन गणेश जी की पूजा के बाद चंद्रमा की भी पूजा की जाती है. 

करवा चौथ 2022 मुहूर्त (Karwa chauth 2022 Shubh Muhurat)

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष चतुर्थी आरंभ - 13 अक्टूबर 2022, सुबह 01 बजकर 59 मिनट








करवा चौथ पूजा में न करें ऐसी गलती

सुहागिन महिलाएं पूजा में काले और सफेद रंग के कपड़े बिलकुल न पहनें. पूजा के समय गणपति और शिव को गलती से भी तुलसी अर्पित न करें. पूजा के समय व्रती का मुख दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए, यह दिशा यमराज की मानी गई है. सुहागिनें दूसरी महिला से सिंदूर उधार लेकर न लगाएं ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता. कथा और चंद्रमा की पूजा किए बिना व्रत का पारण न करें, इससे नुकसान झेलना पड़ सकता है.

पूजा में कितने करवा उपयोग करें.

करवा चौथ की पूजा में दो करवा रखे जाते हैं. एक में करवे में अनाज, दक्षिणा, पूजा की सुपारी डालें और इसपर रक्षासूत्र बांधकर पूजा की चौकी पर रखें. दूसरे करवा में जल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. इसी करवे से स्त्रियां व्रत का पारण करती हैं.

वीरावती ने चांद की पूजा किए बिना कर लिया भोजन

वीरावती के भाईयों से बहन की यह हालात देखी न गई. सभी ने मिलकर पीपल की आड़ में एक दीप जलाकर छलनी में रख दिया. चांद की नकली आकृति बनाकर बहन से कहा चंद्रमा की पूजा कर व्रत का पारण कर लो. बहन सच्चाई से अनजान थी उसने पूजा करके भोजन ग्रहण करना शुरु कर दिया. पहले निवाले में बाल आया, दूसरे में छींक और जैसे ही तीसरा निवाला खाने जा रही थी कि पति की मृत्यु का समाचार आ गया. देवी इंद्राणी ने वीरावती को भूल का अहसास कराया. फिर उसने  12 महीने तक हर चतुर्थी पर व्रत किया. करवा चौथ के दिन इस कठिन तपस्या की वजह से उसे उसका पति फिर से मिल गया.

करवा चौथ की पूजा में पढ़ें ये कथा

पौराणिक कथा के अनुसार इंद्रप्रस्थपुर के एक ब्राह्मण की पुत्री वीरावती का विवाह एक योग्य ब्राह्मण युवक के साथ हुआ था. शादी के बाद वीरावती अपने मां के घर आई थी. यहां उसने अपना पहला करवा चौथ का व्रत रखा. वीरावती ने दिनभर भूखे प्यासे रहकर व्रत किया लेकिन शाम को वो कमजोरी के चलते मूर्छित हो गई.

करवा चौथ 2022 चांद निकलने का समय (Karwa Chauth 2022 Moon Rising Time)

करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है. ऐसे में पूरे दिन भर व्रती को चांद निकलने का इंतजार रहता है. इस साल करवा चौथ का चांद 13 अक्टूबर को रात 8 बजकर 19 मिनट पर निकलेगा.

करवा चौथ 2022 पूजा मुहूर्त (Karwa Chauth 2022 Puja Muhurat)

करवा चौथ की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए. 13 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 01 मिनट से रात 07 बजकर 15 मिनट तक पूजा की जा सकती है. महिलाओं को पूजा के लिए पूरा 1 घंटा 14 मिनट का समय मिलेगा.

कैसे करें करवा चौथ पूजा की तैयारी ?

करवा की पूजा सामग्री के लिए टोटीवाला करवा, करवा चौथ कथा की पुस्तक, कांस की सींक, कलश, सुहाग का सामान,बाती (रूई)लकड़ी का आसन, दही, देसी घी, छलनी, दक्षिणा के पैसे, हलुआ,  पान,कच्चा दूध, दही,  फूल, चंदन, शक्कर का बूरा, दीपक, अगरबत्ती,  मौली, अक्षत,  हल्दी, चावल, मिठाई, रोली, देसी घी, शहद, कपूर, गेहूं, बाती (रूई)लकड़ी का आसन, छलनी, दक्षिणा के पैसे, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी

करवा चौथ महत्व (Karwa Chauth Importance)

करवा चौथ पर जो महिलाएं निर्जला व्रत रखकर सुखी दांपत्य जीवन की कामना करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है, इस व्रत के प्रभाव से व्रती का वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. शास्त्रों के अनुसार सुहागिने इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती है. कहते हैं यह पर्व पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास घोलता है. कहते हैं इस दिन पूजा में करवा माता की कथा जरूर सुननी चाहिए, इससे सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तभी पूजा सफल होगी.

करवा चौथ पर इन 3 राशियों का होगा भाग्योदय

सिंह - सिंह राशि के लोगों के लिए करवा चौथ का त्योहार लाभदायक होगा. व्यापार को आगे बढ़ाने में कामयाब होंगे, जिससे आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.


कर्क - कर्क राशि के जातकों को लंब वक्त से उधार दिया धन दोबारा मिलेगा. व्यापार में तरक्की के योग बन रहे हैं


कन्या - कन्या राशि के जातक को करवा चौथ के दिन धन से संबंधी परेशानियों से राहत मिलेगी. आय में वृद्धि हो सकती है, साथ ही धन आगमन के नए रास्ते खुलेंगे. 

करवा चौथ व्रत की पूजा विधि

करवा चौथ की पूजा में शाम को 16 श्रृंगार कर शुभ मुहूर्त में पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और करवा माता की तस्वीर स्थापित करें. सर्व प्रथम गणेश जी की उपासना करें. फिर षोडोपचार से करवा माता और शंकर-पार्वती को चंदन, रोली, मौली, कुमकुम, सिंदूर, अक्षत, फूल अर्पित करें. चौकी पर एक करवा में अनाज, दक्षिणा और पूजा की सुपारी डालकर रखें. उसके ऊपर दीपक प्रज्वलित करें. करवा चौथ व्रत की कथा सुनें. आरती करें और फिर चांद निकलने पर दूसरे कर से चंद्रमा को जल चढ़ाएं. इसके बाद ही व्रत का पारण करें.

करवा चौथ पूजा की सामग्री

करवा की पूजा सामग्री के लिए टोटीवाला करवा, करवा चौथ कथा की पुस्तक, कांस की सींक, कलश, सुहाग का सामान,बाती (रूई), कुश का आसन, दही, देसी घी, छलनी, दक्षिणा के पैसे, हलुआ,  पान,कच्चा दूध, दही,  फूल, चंदन, शक्कर का बूरा, दीपक, अगरबत्ती,  मौली, अक्षत,  हल्दी, चावल, मिठाई, रोली, देसी घी, शहद, कपूर, गेहूं, बाती (रूई)लकड़ी का आसन, छलनी, दक्षिणा के पैसे, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी होना चाहिए.

करवा चौथ पूजा में करवा का महत्व

करवा चौथ व्रत में गणेश जी के साथ करवा माता की पूजा की जाती है. इस व्रत का संबंध करवा देवी की कथा से है इसलिए इसका नाम करवा चौथ पड़ा. यह व्रत करवा के बिना पूर्ण नहीं माना जाता है. करवा मिट्‌टी का पात्र होता है जिसमें टोटी लगी होती है. कई जगह तांबे का करवा उपयोग में लिया जाता है. मान्यताओं के अनुसार करवा को देवी का प्रतीक माना जाता है इसलिए पूजा में इसका महत्व बढ़ जाता है. करवा की पूजा से सौभाग्य में वृद्धि होती है.

इन राशि की सुहागिनों के लिए अति शुभ रहेगा करवा चौथ

कर्क राशि (Cancer)- चंद्रमा आपकी राशि का स्वामी है. करवा चौथ का दिन आपके लिए विशेष होने जा रहा है. पति का विशेष साथ मिलेगा. आपकी हर छोटी-बड़ी चीजों का ध्यान रखेंगे. आपके काम में भी हाथ बटाएगें.


वृषभ राशि (Taurus)- आपकी राशि मंगल का गोचर हो रहा है. करवा चौथ पर चंद्रमा की युति भी बन रही है. ये संयोग आपके लिए शुभ है. दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहेंगी. पति की तरफ से विशेष उपहार भी मिल सकता है.

करवा चौथ पर इन राशि की महिलाएं बरतें सावधानी

मेष राशि (Aries)- आपकी राशि में पाप ग्रह राहु बैठा हुआ है, करवा चौथ के दिन हर प्रकार के भ्रम से बचने का प्रयास करें. पति का सहयोग मिलेगा. लेकिन अनावश्यक चीजों पर बहस करने से बचें.


मिथुन राशि (Gemini)- जिन महिलाओं की राशि मिथुन है, उन्हें करवा चौथ के दिन अपने क्रोध पर काबू पाना होगा. क्रोध के कारण दिक्कतें आ सकती है. पति से भी अनबन हो सकती है.

करवा चौथ पूजा के मंत्र

शंकर-पार्वती की पूजा का मंत्र - नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥


चंद्रमा की पूजा का मंत्र - 'देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।'

करवा चौथ पर करें श्री सूक्त और विष्णु सहस्रनाम का पाठ

आमतौर पर करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है लेकिन इस दिन महिलाओं को श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा पुरुषों को विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और मां लक्ष्मी और विष्णु जी का आशीर्वाद मिलता है. 

करवा चौथ व्रत के नियम

यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही खोला जाना चाहिए. चंद्रमा निकलने के 1 घंटे पहले पूरे शिव परिवार की पूजा करें. पूजा के समय भगवान का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए और व्रती महिला का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. इस व्रत के दौरान जल ग्रहण नहीं करना चाहिए.

करवा चौथ पर करें ये उपाय

वैवाहिक जीवन में प्रेम व स्नेह की वृद्धि के लिए आज करवा चौथ के दिन मां गौरी के मंदिर जाकर श्रृंगार सामग्री अर्पित करें और गुलाबी रंग की चुनरी चढ़ाएं. इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी. करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें. 

करवा चौथ पर मिलने वाले शुभ संकेत

करवा चौथ की सुबह अगर आपको नारियल नजर आ जाए तो ये एक बहुत ही शुभ संकेत है. इसका अर्थ ये भी हो सकता है कि आपके दांपत्य जीवन पर मां लक्ष्मी जी की कृपा बरसने जा रही है. पति की आय में वृद्धि हो सकती है. किसी नई डील को फाइनल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

करवा चौथ का महत्व

मान्यता है कि करवा चौथ के दिन भगवान शिव के पूरे परिवार यानी कि शिव जी, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा की जानी चाहिए. ये पूजा चंद्रोदय से एक घंटा पहले करनी चाहिए. ऐसा करने से जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. 

करवा चौथ 2022 पर चांद निकलने का समय नोट कर लें

कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर 2022, सुबह 01.59 से शुरू हो गई. व्रत भी सारगी खाने के साथ –साथ प्रारंभ हो गया है. चतुर्थी तिथि का समापन 14 अक्टूबर 2022 को सुबह 03.08 पर होगा. इस साल करवा चौथ का चांद 13 अक्टूबर को रात 8 बजकर 19 मिनट पर निकलेगा.

करवा चौथ 2022 पर ग्रहों की स्थिति

ज्योतिष गणना के अनुसार, आज 13 अक्टूबर को देवगुरु बृहस्पति और शनि मकर राशि में, चंद्रमा उच्च राशि वृषभ में विराजमान हैं. बुध और शुक्र कन्या राशि में संचरण कर रहें हैं और आज रोहिणी नक्षत्र है. धर्म ग्रंथों के मुताबिक करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा करने से सुहागिनों की पति की लंबी आयु की कामना पूर्ण होगी.

इस साल करवा चौथ पर गुरु-शुक्र की है विशेष कृपा, होगा ये लाभ

इस साल 13 अक्टूबर 2022 को गुरु और शुक्र का विशेष संयोग बन रहा है. इस संयोग के चलते करवा चौथ का शुभ लाभ फल कई गुना बढ़ गया है. ज्योतिष के अनुसार, गुरु-शुक्र ग्रह वैवाहिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसे में करवा चौथ पर बृहस्पति (Jupiter) के अपनी राशि में होने से पति-पत्नी को सुखी दांपत्य जीवन और सौभाग्य की प्राप्ति होगी.

इस बार करवा चौथ पर 46 साल बाद बना है ये खास संयोग, शुभता में होगी कई गुना वृद्धि

इस साल करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य (Budhaditya) और महालक्ष्मी का योग बन रहा है. 13 अक्टूबर 2022 को करवा चौथ गुरुवार के दिन है. इस दिन 46 साल बाद गुरु (बृहस्पति) ग्रह अपनी स्वराशि मीन (Pisces) में रहेंगे. ऐसा संयोग 23 अक्टूबर 1975 को बना था.

करवा चौथ पर भूलकर भी न करें ये काम

  1. करवा चौथ के दिन क्रोध न करें तथा दूसरों की निंदा न करें.

  2. अहंकार से बचें और किसी का अनादर न करें.

  3. कठोर वचन न बोलें एवं हिंसा से दूर रहें.

  4. वाद विवाद की स्थिति न बनने दें.

करवा चौथ 2022, आज कब निकलेगा चाँद

करवा चौथ पर व्रत रखने वाली महिलाओं को शाम के समय चंद्रमा का बेसब्री से इंतजार रहता है. पंचांग के अनुसार, इस बार करवा चौथ का चांद रात 8.19 मिनट पर निकलेगा.  महिलायें चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत का पारण करें.

आज करवा चौथ 2022 व्रत शुरू

सौभाग्य और समृद्धि बढ़ाने वाला करवा चौथ 2022  का व्रत सूर्योदय के साथ ही शुरू हो गया है. यह व्रत आज 13 अक्टूबर की शाम को चंद्रमा की पूजा के बाद ही खत्म होगा. शादीशुदा महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा और लंबी आयु के लिए दिनभर निराहर और निर्जल रहती हैं.

बैकग्राउंड

Karwa Chauth 2022 Live: करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त कुछ ही देर में प्रारंभ होने जा रहा है. करवा चौथ का पर्व सुहागिनों का सबसे प्रिय और महत्वपूर्ण पर्व है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने सुखद दांपत्य जीवन और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. 


करवा चौथ (Karwa Chauth 2022) का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है, इस दिन सुहागिन स्त्रियां निर्जला रहकर करवा चौथ के व्रत को पूर्ण करती हैं. ये व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला बताया गया है. जो स्त्रियां इस दिन सच्चे मन से इस व्रत को रखती हैं और विधि पूर्वक पूजा करते हुए करवा चौथ के व्रत को पूर्ण करती हैं, उनके जीवन में खुशियां सदैव बनी रहती हैं. 


करवा चौथ कब है? (Karwa Chauth 2022 Date)
इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा.
करवा चौथ 2022 पूजा मुहूर्त शाम के समय में 5:56 से शाम के 7:08 बजे तक रहने वाला है.
महिलाओं को पूजा के लिए पूरा 1 घंटा 14 मिनट का समय मिलेगा.


करवा चौथ पूजा विधि (Karwa Chauth Puja vidhi)



  1. करवा चौथ वाले दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि कर सास या जेठानी के जरिए दी सरगी का सेवन करें.

  2. सूर्योदय से पूर्व ही सरगी का सेवन किया जाता है इसलिए समय का ध्यान रखें. फिर निर्जल व्रत का संकल्प लें.

  3. दिनभर में पूजा की पूरी तैयारी कर लें. करवा चौथ व्रत में दिन में सोना वर्जित है, ऐसे में अपना पूरा समय भगवान की भक्ति में लगाएं.

  4. शाम को सोलह श्रृंगार कर शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान से शिव परिवार और करवा माता की पूजा करें फिर व्रत की कथा सुनें.

  5. चंद्रोदय के समय उत्तर पश्चिम दिशा में मुख कर चंद्रमा की पूजा करें. करवे से अर्घ्य दें और फिर छलनी से चांद को देखने के बाद पति को देखें.

  6. अब दूसरे करवे से पहले पति को पानी पिलाएं और फिर पति के हाथ से उसी करवे से जल पीएं. इस तरह करवा चौथ की पूजा पूर्ण होती है.


करवा चौथ पर ग्रहों का शुभ संयोग
बृहस्पति के साथ शनि अपनी राशि मकर, चंद्रमा उच्च राशि वृषभ में विराजमान हैं, वहीं बुध और शुक्र कन्या राशि में बैठे हैं. मंगल देव खुद के नक्षत्र में होंगे. करवा चौथ पर इस बार रोहिणी नक्षत्र रहेगा. करवा चौथ पर ग्रहों की इस शुभ स्थिति का असर व्रती पर भी पड़ेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा करने से सुहागिनों की पति की लंबी आयु की कामना पूर्ण होगी.

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