Karwa Chauth 2022 Moon Rising Time in Madhya Pradesh: आज करवा चौथ का त्योहार मनाजा जा रहा है. करवा चौथ की परंपर महाभारत काल से चली आ रही है द्रोपदी ने पांडवों की प्राणों की रक्षा के लिए भी करवा चौथ का व्रत रखा था. यह सुहाग का त्योहार है इसमें न सिर्फ महिलाएं बल्कि कई जगह पति भी अपनी पत्नी के लिए निर्जला व्रत रखते हैं. करवा चौथ वैवाहिक जीवन को और मजबूत करने का त्योहार है. चांद की पूजा के बाद शाम को व्रती पति के हाथों से पानी पीकर ही इस व्रत को खोलती हैं. आइए जानते हैं मध्यप्रदेश के शहरों में चांद निकलने का समय.


करवा चौथ 2022 मध्यप्रदेश के शहरों में चंद्रोदय समय



  • भोपाल - रात 08 बजकर 21

  • इंदौर - रात 08 बजकर 28

  • उज्जैन - रात 08 बजकर 27

  • रतलाम - रात 08 बजकर 30

  • जबलपुर - रात 08 बजकर 10

  • ग्वालियर - रात 08 बजकर 11

  • सतना - रात 08 बजकर 04

  • रीवा - रात 08 बजकर 02

  • हरदा - रात 08 बजकर 24

  • गुना - रात 08 बजकर 18


करवा चौथ की पूजा में पढ़ें ये कथा


पौराणिक कथा के अनुसार इंद्रप्रस्थपुर के एक ब्राह्मण की पुत्री वीरावती का विवाह एक योग्य ब्राह्मण युवक के साथ हुआ था. शादी के बाद वीरावती अपने मां के घर आई थी. यहां उसने अपना पहला करवा चौथ का व्रत रखा. वीरावती ने दिनभर भूखे प्यासे रहकर व्रत किया लेकिन शाम को वो कमजोरी के चलते मूर्छित हो गई.


वीरावती ने चांद की पूजा किए बिना कर लिया भोजन


वीरावती के भाईयों से बहन की यह हालात देखी न गई. सभी ने मिलकर पीपल की आड़ में एक दीप जलाकर छलनी में रख दिया. चांद की नकली आकृति बनाकर बहन से कहा चंद्रमा की पूजा कर व्रत का पारण कर लो. बहन सच्चाई से अनजान थी उसने पूजा करके भोजन ग्रहण करना शुरु कर दिया. पहले निवाले में बाल आया, दूसरे में छींक और जैसे ही तीसरा निवाला खाने जा रही थी कि पति की मृत्यु का समाचार आ गया. देवी इंद्राणी ने वीरावती को भूल का अहसास कराया. फिर उसने  12 महीने तक हर चतुर्थी पर व्रत किया. करवा चौथ के दिन इस कठिन तपस्या की वजह से उसे उसका पति फिर से मिल गया.


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