Karwa Chauth 2023 Puja Time Live: आज करवा चौथ, जानें अलग-अलग शहरों में चांद निकलने का समय और पूजा का शुभ मुहूर्त
Karwa Chauth 2023 Puja Muhurat Today Live: आज करवा चौथ का त्यौहार मनाया जा रहा है. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत करती हैं. जानें पूजा से जुड़ी सारी जानकारी.
लखनऊ में सबसे पहले 8.05 बजे चांद दिखाई दे गया और दस मिनट बाद ही दिल्ली-एनसीआर में भी चंद्रमा दिखाई दे गया है. कुछ जगह अभी भी चांद का इंतज़ार जारी है.
लखनऊ में सबसे पहले 8.05 बजे चांद दिखाई दिया है. दस मिनट में कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद समेत अन्य शहरों में भी चंद्रमा दिखाई देगा.
करवा चौथ का व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को चांद के निकलने का बेसब्री से इंतजार है. जब आपके घर की छत पर चांद का दीदार हो तो उस समय करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को यह काम जरूर करना चाहिए. चांद के दर्शन देने पर सबसे पहले चंद्रमा को प्रणाम करें, फिर चंदन, अक्षत, फूल, रोली समेत सभी पूजा की सामग्री को चढ़ाएं और अंत में अर्ध्य देंकर चंद्रदेव का आशीर्वाद लें. चांद की पूजा के बाद पति को तिलक लगाकर पैर छुएं.
करवा चौथ की पूजा करने के बाद चांद को अर्घ्य जरूर देना चाहिए, उसके बाद अपने पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत तोड़ें. जो महिलाएं अपने पति से दूर हैं, वो अपने पति की तस्वीर देखकर भी पारण कर सकती हैं. व्रत के बाद करवा चौथ की पूजा में चढ़ाई गईं हलवा-पूड़ी, मिष्ठान का ही सेवन करें.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार के करवा चौथ के दिन अद्भुत संयोग का निर्माण भी हुआ, जिसमें शिवयोग और सर्वार्थ सिद्धि योग बना है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया कार्य या पूजा शुभ फल प्रदान करती है. साथ ही इस दिन वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी भी मनाई जाएगी.
करवा चौथ के व्रत की कथा का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है. पांडवों पर लगातार आ रही मुसीबतों को दूर करने के लिए द्रौपदी ने भगवान कृष्ण से मदद मांगी, तब श्री कृष्ण ने उन्हें करवाचौथ के व्रत के बारे में बताया. जिसे देवी पार्वती ने भगवान शिव की बताई विधियों के अनुसार रखा था. कहा जाता है कि दौपद्री के इस व्रत को रखने के बाद न सिर्फ पांडवों की तकलीफें दूर हो गईं, बल्कि उनकी शक्ति भी कई गुना बढ़ गई.
करवा चौथ के दिन रात्रि में चांद की पूजा करने का भी एक अलग महत्व है. करवा चौथ की पूजा बिना मिट्टी के करवे और सींक के अधूरा माना जाता है. मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन पूजा में मिट्टी के करवे और सींक का इस्तेमाल जरूर करें. क्योंकि यह बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है. करवा चौथ व्रत में शादीशुदा महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करें और रात को चंद्रदर्शन और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलें. इस दिन विधिवत पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी.
करवा चौथ व्रत में शाम को भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है और फिर व्रत कथा सुनी या पढ़ी जाती है. आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत में पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त. करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 5: 36 मिनट से शाम 6:54 मिनट तक है.
करवा चौथ के दिन स्त्रियां लाल रंग का अधिक इस्तेमाल करती है, ये सुहाग की निशानी है लेकिन इस पर्व पर आप राशि अनुसार शुभ रंग की साड़ी और चूड़ियां भी पहन सकती है इससे वैवाहिक जीवन में ग्रहों की शुभता प्राप्त होगी.
मेष राशि - लाल, वृषभ राशि - सिल्वर, मिथुन राशि - हरा,
कर्क राशि - गुलाबी या सिल्वर, सिंह राशि - गोल्डन या लाल,
कन्या राशि - गहरा हरा, तुला राशि - सिल्वर या गोल्डन
वृश्चिक राशि - नारंगी या मैरून, धनु राशि - हल्दी पीला, मकर राशि - नीला
कुंभ राशि - आसमानी नीला, मीन राशि - नींबू पीला रंग
करवा चौथ पर चंद्रोदय समय करवा से चंद्रमा को अर्घ्य दें. इसके लिए स्वच्छ जल का इस्तेमाल करें, जल में थोड़ा दूध भी डाल सकते हैं. ॐ सोमाय नमः मंत्र का जाप करते हुए चंद्रमा को जल चढ़ाएं और फिर छलनी से चांद को देखकर पति को देखें. फिर पहले पति को करवे से जल पिलाएं फिर पति के हाथों से खुद भी करवे से जल ग्रहण करें.
- इस दिन विवाहिता को अपना सिंदूर, चूड़ी या कोई भी सुहाग की सामग्री किसी को उधार में नहीं देना चाहिए. ये पति के लिए अशुभ माना गया है.
- इस दिन शादीशुदा महिलाओं को सफेद या काले रंग के वस्त्र, चूड़ी नहीं पहननी चाहिए. ये सुहाग पर्व है इसमें ये इन दो रंगों का इस्तेमाल सुहागिनों के लिए दुर्भाग्य लाता है.
- कठोर वचन न बोलें.
- हिंसा से दूर रहें.
- वाद विवाद की स्थिति न बनने दें.
- आपस में तुलना न करें.
करवा चौथ पर 100 साल बाद चतुर्महायोग का संयोग बन रहा है, आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि, सुमुख, अमृत और कुलदीपक नाम के दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिसमें पूजा करने से सुहागिनों को शुभ फल की प्राप्ति होगी. इसके अलावा इस दिन बुधादित्य और त्रिग्रही योग भी बन रहे हैं.
करवा चौथ की पूजा के लिए करवा माता की तस्वीर, दीपक, टोटीवाला करवा (मिट्टी या तांबे का ढक्कन वाला करवा), कलश,रोली, कुमकुम, मौली, अक्षत, देसी घी, इत्र, अगरबत्ती, लकड़ी का आसन, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी, नारियल, जनेऊ जोड़ा, अबीर, शहद, दक्षिणा, कच्चा दूध, दही, फूल, हल्दी, पान, व्रत कथा की पुस्तक, चावल, मिठाई, शक्कर का बूरा,चंदन, गुलाल, छलनी, कपूर, गेहूं, बाती (रूई), 16 श्रृंगार का सामान
"ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्यं मे प्रतिग्रह्यताम."
- इस दिन श्रृंगार का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन महिलाएं सजती संवरती हैं, इस दिन की तैयारी को खास बनाते हुए महिलाएं नए कपड़े खरीदती है.
- इस दिन को खास बनाने के लिए महिलाएं मेंहदी लगाती है.
- मंगल सूत्र, बिंदी, चूड़ियां,पायल, मांग में सिंदूर और झुमके पहनती है, इस दिन 16 श्रृंगार करने से सौभाग्य और सुख समृद्धि आती है.
करवा चौथ के दिन महिलाओं को भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए, ऐसा माना जाता है इस दिन गणेश जी की पूजा करने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है और रिश्तों की मिठास बनी रहती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा के सिद्धिविनायक मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर होती हैं.
चंडीगढ़ (Chandigarh) | 8:06 मिनट पर दिखेगा चांद |
लुधियाना (Ludhiana) | 8:10 मिनट पर दिखेगा चांद |
देहरादून (Dehradun) | 8:02 मिनट पर दिखेगा चांद |
जयपुर (Jaipur) | 8:18 मिनट पर दिखेगा चांद |
यह व्रत सूर्योदय से पहले से शुरू कर चांद निकलने तक रखना चाहिए. चन्द्रमा के दर्शन के बाद ही इस व्रत को खोला जाता है. शाम के समय चंद्रोदय से 1 घंटा पहले सम्पूर्ण शिव-परिवार की पूजा की जाती है. पूजन के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की तरफ होना चाहिए और स्त्री को पूर्व की तरफ मुख करके बैठना चाहिए.
करवा चौथ पर आज कई शुभ संयोग बन रहे हैं. आज बुध आदित्य योग, शिव योग, परिघ योग और सर्वार्थ सिद्धि योगबन रहा है. 1 नवंबर को बन रहे यह योग बहुत शुभ माने जा रहे हैं. इस योग में किए गए सारे कार्य सफल होते हैं.
नोएडा में आज 1 नवंबर को 08 बजकर 14 मिनट चांद निकलेगा, जबकि दिल्ली में रात 8 बजकर 15 मिनट पर चंद्रोदय होगा. गुरुग्राम में चांद रात 8 बजकर 16 मिनट पर दिखाई देगा.
करवा चौथ की पूजा शाम को चंद्रोदय के बाद की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर, स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए. शिव परिवार के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें. शाम की पूजा के लिए घर की दीवार पर गेरू से एक पट्टिका बनाएं और उस पट्टिका पर करवा का चित्र बनाएं. सूर्योदय से पहले स्नान करके पूजा घर की सफाई करें. सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें. चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पहले पूजा शुरू की जानी चाहिए.
करवा चौथ का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने के बाद ही पूरा होता है. आज 1 नवंबर 2023 को रात 08.26 मिनट पर चंद्रोदय होगा.
करवा चौथ पर गणपति जी, करवा माता, शिव परिवार की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 05:44 मिनट से रात 07:02 मिनट तक है. सुहागिनों को पूजा के लिए करीब 1 घंटा 17 मिनट मिलेंगे.
देश भर में आज करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन महिलायें निर्जला व्रत रखती हैं और रात के समय छलनी से चांद को देखकर अपना व्रत खोलती हैं. यह व्रत सूर्योदय के साथ प्रारंभ होता है और चंद्रोदय होने के बाद खत्म होता है.
बैकग्राउंड
Karwa Chauth 2023 Puja Live: देश भर में आज करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है. यह व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के लिए किया जाता है. इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखी बनता है. कुछ जगहों पर अच्छे वर की कामना से अविवाहिता स्त्रियों भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं. यह पर्व पूरे उत्तर भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रमा की पूजा करने और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं. करवा चौथ पर सुहाग से जुड़े समान जैसे कि सोलह शृंगार के सामान आदि का दान करना बहुत शुभ माना जाता है.
करवा चौथ में खाई जाती है सरगी
करवा चौथ का त्यौहार सरगी के साथ शुरू होता है. यह करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले किया जाने वाला भोजन होता है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए उनकी सास सरगी बनाती हैं. शाम को सभी महिलाएं श्रृंगार करके एकत्रित होती हैं और फेरी की रस्म करती हैं. इस रस्म में महिलाएं एक घेरा बनाकर बैठती हैं और पूजा की थाली एक दूसरे को देकर पूरे घेरे में घुमाती हैं. इस रस्म के दौरान करवा चौथ की कथा गाई जाती है. भारत के अन्य प्रदेश जैसे उत्तर प्रदेश और राजस्थान में इस दिन गौर माता की पूजा की जाती है.
करवा चौथ पर बन रहा है महासंयोग
इस बार करवा चौथ पर एक महासंयोग बनने जा रहा है.आज तुला में मंगल और बुध के एक साथ विराजमान होने की वजह से बुध आदित्य योग बन रहा है. इसके अलावा आज शिव योग, परिघ योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. यह योग बहुत शुभ माना जाता है और इस योग में किए गए सारे कार्य सफल होते हैं. आज के दिन मृगशिरा नक्षत्र भी रहेगा जिसकी की वजह से यह दिन बहुत खास बन गया है. इन शुभ योग में की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी साबित होती है.
करवा चौथ के दिन करें ये काम
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और उनकी सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं. इस दिन महिलाएं निर्जला रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. कुछ जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी मनवांछित वर पाने के लिए इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की आराधना करने के बाद करवा चौथ की कथा सुनी जाती है. माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से सुहाग की रक्षा होती है और सौभाग्य का वरदान मिलता है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -