Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर क्यों सजती-संवरती हैं महिलाएं, हिंदू धर्म में क्या है 16 श्रृंगार का महत्व
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर दुल्हन की तरह सजती-संवरती हैं, जोकि उनकी सुंदरता में तो चार चांद लगाता ही. लेकिन इसी के साथ हिंदू धर्म में भी श्रृंगार का खास महत्व होता है.
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ का पर्व हर विवाहित स्त्रियों के लिए बहुत खास होता है, जिसे हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है. इस साल करवा चौथ का व्रत आज बुधवार,1 नवंबर 2023 को है.
करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियां सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और पति की लंबी की आयु व स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं. आज महिलाएं लाल-हरी साड़ियां पहनकर 16 श्रृंगार करती हैं और इसके बाद करवा चौथ की पूजा करती हैं. 16 श्रृंगार का महत्व केवल करवा चौथ पर ही नहीं होता, बल्कि हर सुहागिन महिला के जीवन में इसका खास महत्व होता है.
सुहाग से संबंधित पर्व जैसे करवा चौथ, हरतालिका तीज, हरियाली तीज, वट सावित्री पर्व-त्योहारों में 16 श्रृंगार करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. हिंदू धर्म में भी 16 श्रृंगार के महत्व के बारे में बताया गया है. आइये जानते हैं इसके बारे में.
करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार का महत्व (Karwa Chauth 2023 16 Shringar Importance)
करवा चौथ पर महिलाएं 16 श्रृंगार कर दुल्हन की तरह सजती-संवरती हैं. इस रूप में महिलाएं नई-नवेली दुल्हन और देवी की तरह नजर आती हैं. करवा चौथ पर महिलाएं न केवल 16 श्रृंगार करती हैं बल्कि पूजा में भी मां पार्वती को 16 श्रृंगार से जुड़े सामान जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पित करती हैं. मान्यता है कि इससे मां प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. इसलिए हर विवाहिता को सुहाग से संबंधित श्रृंगार जरूर करने चाहिए. इससे पति की आयु बढ़ती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. यही कारण है कि, करवा चौथ पर भी महिलाएं साज-श्रृंगार कर पूजा करती हैं.
हिंदू धर्म में सोलह श्रृंगार का महत्व (Solah Shringar Importance in Hindu Dharma)
हिंदू धर्म में 16 श्रृंगार के महत्व के बारे में बताया गया है. मांग के सिंदूर से लेकर पैरों के बिछिया तक ये सभी श्रृंगार विवाहित महिला की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. साथ ही ये श्रृंगार विवाह के बाद किसी स्त्री के जीवन में आए परिवर्तन और समाज में उसके रूप को नई पहचान भी देते हैं. शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि, विवाहित स्त्री के श्रृंगार करने के घर पर सुख-समृद्धि आती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. इसलिए 16 श्रृंगार का संबंध केवल खूबसूरती नहीं भाग्य से भी जुड़ा होता है.
16 श्रृंगार क्या-क्या होते हैं (Solah Shringar Name)
सिंदूर
बिंदी
काजल
मंगलसूत्र
पायल
बिछिया
चूड़ी
नथनी
मेहंदी
झुमके
मांग टीका
गजरा
लाल जोड़ा
बाजूबंद
कमरबंद
अंगूठी
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