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Karwa Chauth Vrat 2022: करवा चौथ अक्टूबर में कब है ? जानें डेट, मुहूर्त और कैसे शुरू हुई इस व्रत की परंपरा
Karwa Chauth 2022 Puja Time: सुहागिनों के लिए करवा चौथ सभी व्रतों में अधिक महत्व रखता है. जानते हैं करवा चौथ पूजा का मुहूर्त और कथा.
![Karwa Chauth Vrat 2022: करवा चौथ अक्टूबर में कब है ? जानें डेट, मुहूर्त और कैसे शुरू हुई इस व्रत की परंपरा Karwa Chauth Vrat 13 October 2022 Kab Aayega Karva Chauth Katha Karwa Chauth Vrat 2022: करवा चौथ अक्टूबर में कब है ? जानें डेट, मुहूर्त और कैसे शुरू हुई इस व्रत की परंपरा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/27/c03fc5b52aa2afff377b59731433697a1664279696561499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Karwa Chauth 2022 Puja Time: अक्टूबर का महीना अब कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा. इस साल व्रत-त्योहार के लिहाज से अक्टूबर माह बहुत खास है. इस माह में करवा चौथ, दशहरा, दीपावली, छठ पूजा जैसे बड़े पर्व आएंगे.
करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. सुहागिनों के लिए करवा चौथ सभी व्रतों में अधिक महत्व रखता है. अपने सुहाग की रक्षा, दीर्धायु और खुशहाली के लिए महिलाएं सुबह से लेकर रात चांद निकलने तक अन्न, जल का त्याग कर करवा चौथ का व्रत रखती हैं. मान्यता है कि इस दिन जो पत्नी पूर्ण विश्वास के साथ माता करवा की पूजा करती हैं उसके पति पर कभी कोई आंच नहीं आती. आइए जानते हैं करवा चौथ पूजा का मुहूर्त और कथा.
करवा चौथ 2022 मुहूर्त (Karwa Chauth 2022 Muhurat)
करवा चौथ व्रत की शुरुआत 13 अक्टूबर 2022 को 06.25 मिनट से होगी और चांद निकलने तक यानी कि रात 8.19 तक व्रती को निर्जला व्रत करना होगा. करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06.01 से रात 07 बजकर 15 मिनट तक है.
कैसे शुरू हुई करवा चौथ व्रत की परंपरा ? (When Karwa chauth Tradition started)
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार देवताओं और असुरों के बीच युद्ध शुरू हो गया. जंग के मैदान में दानव देवताओं पर हावी हो गए थे. युद्ध में सभी देवताओं को संकट में देख उनकी पत्नियां विचलित होने लगीं. पति के प्राणों की रक्षा के उपाय हेतु सभी स्त्रियां ब्रह्मदेव के पास पहुंची.
ब्रह्मा जी ने देवताओं की पत्नियों से करवा चौथ व्रत करने को कहा. ब्रह्मदेव बोले कि इस व्रत के प्रभाव से देवताओं पर कोई आंच नहीं आएगी और युद्ध में वह जीत प्राप्त करेंगे. ब्रह्मा जी की बात सुनकर सभी ने कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया, जिसके परिणाम स्वरूप करवा माता ने देवताओं के प्राणों की रक्षा की और वह युद्घ में विजय हुए.
महाभारत काल में किसने किया था करवा चौथ व्रत
महाभारत काल में भी इस व्रत का महत्व मिलता है. एक प्रसंग के अनुसार जब पांडवों पर संकट के बादल मंडराए थे तो द्रोपदी ने श्रीकृष्ण द्वारा बताए करवा चौथ व्रत की पूजा की थी. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से पांडवों को संकटों से छुटकारा मिला था.
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