Kashmir History: कश्मीर की खूबसूरती की चर्चा हर जगह होती है. कश्मीर की सुंदरता से हर कोई वाकीफ है. कश्मीर, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का एक हिस्सा है. कश्मीर घाटी, कश्मीर क्षेत्र में स्थित एक घाटी है. यह घाटी पीर पंजाल रेंज और हिमालय पर्वत श्रृंखला से घिरी हुई है. कश्मीर के धार्मिक इतिहास के बारे में आइए जानते हैं-
कश्मीर का इतिहास और रोचक तथ्य
कश्मीर का इतिहास प्रचीन काल से ही मिलता है. इसको महर्षि कश्यप के नाम पर बसाया गया था और वही कश्मीर के पहले राजा भी थे. उनके साथ ही सबसे पहले कश्मीर घाटी में कश्यप समाज ही निवास करता था. महाभारत काल में गणपतयार और खीर भवानी मंदिर का जिक्र मिलता है, जो आज भी कश्मीर में स्थित हैं और लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र हैं. इसके अलावा राजतरंगिणी (राजतरंगिणी कश्मीर का इतिहास कहा जाता है) कश्मीर के इतिहास पर आधारित एक महत्वपूर्ण संस्कृत ग्रंथ है, जिसे कश्मीरी इतिहासकार कल्हण ने 12वीं शताब्दी में लिखा था.
यह ग्रंथ कश्मीर की प्राचीनता और उसकी सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक संरचना को समझने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है. कश्मीर की शुरुआत और राजा गोनाड प्रथम के बारे में यह पौराणिक कथा राजतरंगिणी (Rajatarangini) के पहले खंड (या "तरंग 1") में दी गई है. इसमें बताया गया है कि कश्मीर की घाटी पहले एक विशाल झील से भरी हुई थी, जिसे सतदर्शन सरोवर कहा जाता था, और राजा गोनाड ने उस झील का पानी निकालने के लिए जल निकासी मार्ग का निर्माण किया था, जिसके बाद कश्मीर की घाटी का विकास हुआ. राजतरंगिणी के अनुसार, राजा गोनाड प्रथम ने कश्मीर को बसाया. गोनाड के शासन में कश्मीर को न केवल एक भौगोलिक रूप से बसाया गया, बल्कि वहां एक व्यवस्थित राज्य और शासन की नींव भी रखी गई.
राजतरंगिणी (Rajatarangini) के अनुसार, राजा गोनाड प्रथम ने कश्मीर को बसाया. गोनाड के शासन में कश्मीर को न केवल एक भौगोलिक रूप से बसाया गया, बल्कि वहां एक व्यवस्थित राज्य और शासन की नींव भी रखी गई. कल्हण ने राजतरंगिणी के अनुसार सम्राट अशोक ने श्रीनगर की नींव रखी थी और सम्राट अशोक ने 245 ईसा पूर्व में कश्मीर की यात्रा की थी. इस तथ्य को देखते हुए श्रीनगर कम से कम 2200 साल पुराना नगर है. अशोक का बसाया हुआ नगर वर्तमान श्रीनगर से करीब 5 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में बसा हुआ था. संस्कृत भाषा में श्री का अर्थ है देवी लक्ष्मी. इस शब्द को सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है यानी श्रीनगर का मतलब देवी लक्ष्मी का नगर या सौभाग्य का नगर है.
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