खरमास में नहीं करने चाहिए शुभ कार्य, सूर्य देव की गति धीमी होने का ये है राज
Kharmas 2020 March: खरमास माह का आरंभ हिंदू पंचांग के अनुसार 14 मार्च 2020 से हुआ था. जो 13 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. खरमास के दौरान शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं आइए जानते हैं.
Kharmas 2020: खरमास माह का समापन 13 अप्रैल को होने जा रहा है. खरमास में मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है. इसीलिए खरमास के दौरान कोई भी नया वाहन, वाहन, शादी विवाह आदि जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इसे मलमास के नाम से भी जाना जाता है.
पौराणिक कथा
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार एक बार सुर्य देवता अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करने के लिए निकले. इस दौरान उन्हें कहीं पर भी रुकने की इजाजत नहीं थी. परिक्रमा शुरू हुई, लेकिन लगातार चलते रहने के कारण उनके रथ में जुते घोड़े थक गए और उन्हें प्यास लगने लगती है. घोड़ों की इस हालत को देखकर सूर्यदेव को उनकी चिंता सताने लगती है और वो घोड़ों को लेकर एक तालाब के किनारे पहुंच जाते हैं. लेकिन तभी सूर्य देव को अपना कर्तव्य याउ आ जाता है कि उन्हें किसी भी सूरत में रुकना नहीं हैं. अगर वे रुक जाते हैं तो अनर्थ हो जाएगा और रथ के रुकते ही पुरा जनजीवन भी ठहर जाएगा.
लेकिन तालाब के किनारे दो गर्धव यानि खर खड़े हुए थे. सूर्य देव की नजर इन पर पड़ी तो उन्होंने रथ के घोड़ों को पानी पीने व विश्राम करने के लिए वहीं तालाब किनारे छोड़ दिया. घोड़ों के जगह गधों को अपने रथ में लगा लिया. लेकिन गधों के चलने की गति धीमी होने के कारण रथ की गति भी धीमी हो गयी. फिर भी जैसे-तैसे किसी तरह से सूर्य देव ने एक मास का चक्र पूरा किया. उधर तब तक घोड़ों को भी काफी आराम मिल चुका था. इसके बार पुन: सूर्यदेव ने घोड़ों को रथ में जोतने के बाद उसी गति से परिक्रमा प्रारंभ कर दी है.
खरमास समाप्ति का समय
पंचांग के अनुसार, 13 अप्रैल, 2020 बुधवार को सूर्य रात्रि 10 बजकर 28 मिनट से मेष राशि में गोचर कर जाएंगे. तभी से विवाह, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य भी दोबारा शुरू हो जायेंगे.
ये कार्य नहीं किए जाने चाहिए खरमास में शादी, गोदभराई, सगाई, बहू का गृह प्रवेश, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नये व्यापार का आरंभ आदि करना अच्छा नहीं माना जाता है. वहीं नया घर, नयी कार की खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए.इन बातों का रखें ध्यान
खरमास में पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. स्वच्छता का ख्याल रखें. इसके साथ ही विवाद में नहीं उलझना चाहिए. मांस-मदिरा से दूर रहें. खरमास में दूसरों की मदद करनी चाहिए, दान आदि का कार्य करना चाहिए.
खरमास में ये करें
खरमास के महीने में भागवत गीता, श्रीराम की पूजा और विष्णु भगवान की पूजा शुभ मानी गई है. इस माह में भगवान शंकर की पूजा विशेष तौर पर करनी चाहिए. सुंदरकांड का पाठ, दुर्गा चालीसा का पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ भी लाभ प्रदान करता है.
इस मंत्र का जाप करें
गोवर्धन धरवन्देगोपालं गोपरूपिणम् गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्