Khatu Shyam Birthday 2022: भगवान श्रीकृष्ण के अवतार माने गए बाबा खाटू श्याम का आज जन्मदिन है. बाबा खाटू श्याम को हारे का सहारा माना जाता है. राजस्थान के सीकर स्थित खाटू श्याम का भव्य मंदिर है जहां भारत के अलावा विदेशों से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि जो सच्चे मन से इनकी आराधना करता है उसकी मनोकामना सदा पूर्ण होती है. कहते हैं इनकी भक्ति करने वाला गरीब से धनवान बन जाता है. आइए जानते हैं खाटू श्याम की कथ
कौन हैं खाटू श्यमा जी ?
खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है. यह घटोत्कच के पुत्र और भीम को पौत्र है. इनका असली नाम बर्बरीक था. श्रीकृष्ण के वरदान के बाद इन्हें बाबा खाटू श्याम के रूप में पूजा जाने लगा.
खाटू श्याम की कथा (Khatu Shyam Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार बर्बरीक अपने पिता से भी शक्तिशाली और मायावी था. देवी दुर्गा ने अपने परम भक्त बर्बरीक की भक्ति से प्रसन्न होकर उसे तीन दिव्य बाण प्रदान किए थे जो लक्ष्य को भेदकर वापस लौट आते थे. महाभारत के युद्ध के समय भीम पौत्र बर्बरीक ने प्रण लिया कि इस युद्ध में जो हारेगा वह उनकी तरफ से लड़ेंगे. श्रीकृष्ण ये जानते थे लिहाजा उन्होंने उसे युद्ध में आने से रोक दिया. जब बर्बरीक युद्धस्थल पर जा रहा था तब कान्हा ने ब्राह्मण का रूप धर उससे दान की आशा की. श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से दान में शीश मांगा बर्बरीक समझ गया की यह कोई साधारण इंसान नहीं पूछने पर कान्हा ने अपना वास्तविक परिचय दिया. इसके बाद बर्बरीक ने खुशी से अपना शीश दान कर दिया. प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें कलयुग में उनके श्याम नाम से पूजे जाने का आशीर्वाद दिया.
खाटू श्याम पूजा महत्व (Khatu Shyam Puja Importance)
मान्यता है कि जो नि:संतान दंपत्ति बाबा खाटू श्याम की उपासना करते हैं उनकी सूनी गोद भर जाती है. कई लोग इस मनोकामना को पूर्ण करने हेतु बाबा को खिलौना, बांसूरी, मोरछड़ी चढ़ाते हैं. कहते हैं कि बाबा खाटू श्याम का ध्यान कर जो लोग कार्तिक माह की एकादशी यानी की देवउठनी एकादशी को उन्हें चूरमे का भोग लगाते हैं उनके जीवन की समस्त समास्याएं खत्म हो जाती है.
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