Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी और पतंगबाजी का पुराना रिश्ता, हर राज्य का अपना महत्व, जानें क्या है इसका महत्व
Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने की परंपरा बहुत पुरानी है. इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जायेगी.साथ ही भारत के अलग-अलग राज्यों में इस दिन अलग-अलग तरह के पकवान बनते हैं.

Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी के दिन बसंत ऋतु के आने की खुशी मनाई जाती है. इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023, बृहस्पतिवार के दिन मनाई जाएगी. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का विधान है. इस दिन स्कूल, कॉलेजों में मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है.
बसंत पंचमी के दिन खासतौर से दिल्ली, उत्तर प्रदेश ,पंजाब और हरियाणा में लोग के लोग विशेषतौर पर बसंत पंचमी के दिन पतंग उत्सव के रूप में भी मानते हैं. आजकल लोग अपने मनोरंजन के रूप में पतंगबाजी ज़्यादा करते हैं. बसंत पंचमी पर छुट्टी के दिन लोग इस दिन को खूब हर्ष और उल्लास के साथ मानते हैं. बच्चे और लड़के-लड़कियां सभी इस दिन को परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ मानते हैं और पतंगबाजी करते हैं.
बसंत पंचमी के दिन कई जगहों पर बड़े पैमाने पर पतंग मोहत्सव का आयोजन होता है. चलिए आपको बताते हैं कि बसंत पंचमी पर पंतग उड़ाने की परंपरा कैसे शुरू हुई. आखिर क्यों बसंत पंचमी के दिन पतंग उड़ाई जाती है. बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने का कारण क्या है.
बसंत पंचमी के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है, यह केवल बसंत ऋतु के आने की खुशी को मनाने का तरीका है. मौसम की बहार के साथ बसंत पंचमी का त्योहार प्यार और उमंग की लहर लेकर आता है. इतनी ठंड के बाद जब हल्की गर्मी की लहर शुरू होती है. तो लोग उस दिन उस मौके को हर्ष और उल्लास के साथ मानते हैं. बसंत पंचमी के दिन अलग-अलग राज्य में अलग-अलग पकवान बनाने का विशेष महत्व है. तो चलिए आपको बताते हैं.
पंजाब और हरियाणा
पंजाब और हरियाणा के लोग भी इस त्योहार को बड़ी धूम धाम से मानते हैं. इस दिन लोग स्वादिष्ट भोजन जैसे मक्के की रोटी और सरसों का साग, खिचड़ी और मीठे चावल बनते हैं.
उत्तर प्रदेश और राजस्थान
उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन पीले चावल केसर वाले बनाए जाते हैं. राजस्थान में लोग इस दिन चमेली की माला पहनते हैं.
पश्चिम बंगाल
इस दिन देवी सरस्वती की मूर्ति पंडाल में सजाई जाती है, साथ भी मां की आराधन विधि पूर्वक की जाती है . मां सरस्वती को मीठे पीले चावल और बूंदी के लड्डू चढ़ाते हैं. बंगाल में कम से कम 13 व्यंजन बनाने की रस्म होती है.
बिहार
बिहार में लोग इस दिन लोग बूंदी के लड्डू और खीर चढ़ाते हैं और मां सरस्वती को इसका भोग लगवाते हैं और अपने जानने वाले लोगों में इसको बटवाते हैं.
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