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Govardhan Puja 2020 : इस खास मंत्र व आरती से करेंगे गोवर्धन पूजा तो बरसेगी भगवान कृष्ण की कृपा
गोवर्धन पूजा आज दोपहर 03.19 बजे शाम 05.26 बजे तक कभी भी संपन्न की जा सकती है. इस दौरान घर में ब्राह्माण को बुलाएं व विधि विधान से पूजा करें. वहीं अगर आपके घर में कोई बड़ा बुजुर्ग है तो उनसे भी इस पूजा को संपन्न कराया जा सकता है.
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14 नवंबर को दीवाली के ठीक अगले ही दिन यानि कि 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी. इस दिन गोबर से गिरिराज गोवर्धन की आकृत्ति बनाई जाती है और मांगा जाता है संपन्नता का आशीर्वाद. इस पर्व को अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन विधि विधान से गोवर्धन की पूजा के बाद मंत्र व आरती का जाप भी किया जाता है. जिससे और भी शुभ फल प्राप्त होते हैं.
यह है गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा 15 नवंबर दोपहर 03.19 बजे शाम 05.26 बजे तक कभी भी संपन्न की जा सकती है. इस दौरान घर में ब्राह्माण को बुलाएं व विधि विधान से पूजा करें. वहीं अगर आपके घर में कोई बड़ा बुजुर्ग है तो उनसे भी इस पूजा को संपन्न कराया जा सकता है. शुभ मुहूर्त में गोवर्धन की आकृत्ति पर रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर इत्यादि चढ़ाएं और फिर घी का दीपक जलाकर परिक्रमा करें. इस दिन विशेष रूप से 56 प्रकार के भोग भी गिरिराज को लगाए जाते हैं.
गोवर्धन पूजा के दौरान जपें यह विशेष मंत्र
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
गोवर्धन आरती श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरी सात कोस की परिकम्मा, और चकलेश्वर विश्राम तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ, ठोड़ी पे हीरा लाल। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ, तेरी झाँकी बनी विशाल। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण। करो भक्त का बेड़ा पार तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। गाय व बछड़ों की पूजा का भी है विधान इस दिन विशेष रूप से गाय व बछड़ों की पूजा भी की जाती है. क्योंकि भगवान कृष्ण को इनसे बहुत ही लगाव था. वो खुद इन्हें चराने के लिए ले जाया करते थे. इसलिए इस दिन गाय व बछड़ों की सेवा करने से कई गुना फल प्राप्त किया जा सकता है.
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तहसीन मुनव्वरवरिष्ठ पत्रकार
Opinion