ज्योतिष में कुल 9 ग्रह होते हैं इनमें राहु और केतु ग्रह अपने आप में विशेष हैं. इन दोनों ग्रहों को छाया ग्रह के तौर पर भी जाना जाता है.ये दोनों छाया ग्रह जब अन्य ग्रहों के साथ युति करते हैं तो इनका असर भी हमारे जीवन पर पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र में राहु को अशुभ ग्रह माना गया है. कुंडली में राहु के अशुभ भाव में होने पर तमाम तरह की परेशानियां आती हैं. वहीं कभी कभी राहु व्यक्ति का भाग्य भी बदल देता है. यदि यह ग्रह कुंडली में उत्तम हो तो जातक को इसके अच्छे परिणाम भी प्राप्त होते हैं.
यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि ज्योतिष में राहु ग्रह को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है. लेकिन मिथुन राशि में यह उच्च होता है और धनु राशि में यह नीच भाव में होता है.
आइए जानते हैं राहु का अन्य ग्रहों के साथ युति करने पर जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है.
राहु और चंद्रमा: राहु और चंद्रमा की युति होने पर मानसिक और शारीरिक परेशानियां बढ़ती हैं. इसकी वजह से तनाव भी बढ़ जाता है. राहु और चंद्रमा की युति का असर जिन लोगों पर होता है वे अगर घर से दूर रहते हैं तो उन्हें अधिक सफलता मिलती है.
राहु और मंगलः राहु और मंगल की युति होने पर अंगारक योग बनता है. इस योग की वजह से शत्रु का भय बढ़ जाता है.
राहु और बुध: राहु और बुध की युति आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. क्योंकि जब भी राहु और बुध की युति होती है तो सिर से संबंधित बीमारियां बढ़ जाती है जिसकी वजह से व्यक्ति का व्यवहार अन्य दिनों की तुलना में कुछ बदल जाता है.
राहु और गुरु: यह योग होने पर कुंडली में इससे प्रभावित जातकों की यात्राओं में बढ़ोतरी होती है. इस युति से व्यक्ति को लंबी आयु की प्राप्ति होती है.
राहु और शुक्र: इस युति से शुक्र के शुभ प्रभाव पर राहु का अशुभ असर पड़ने लगता है. इसकी वजह से व्यक्ति के कदम धर्म मार्ग से भटक जाते हैं और वह बुराइयों की तरफ मुड़ जाता है.
राहु और शनि: राहु और शनि का योग होने पर जिन जातकों की कुंडली में इनका प्रभाव पड़ता है वे रहस्यमयी काम करने में लग जाते हैं. ये लोग गुप्त कार्यों से ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाने के काम मे जुट जाते हैं.
राहु और सूर्य: राहु और सूर्य के योग से जिन जातकों की कुंडली में इसका प्रभाव पड़ता है उनकी परेशानियां आरंभ हो जाती है. इसकी वजह से व्यक्ति की आंखे कमजोर होने लगती है.