Putrada Ekadashi 2021: पुत्रदा एकादशी कब है? जानें डेट, तिथि, शुभ मुहूर्त और पारण समय
पुत्रदा एकादशी का व्रत और पूजन का पुण्य मिलता है जिससे व्यक्ति तपस्वी, विद्वान, पुत्रवान और लक्ष्मीवान बनाता है. इस बार यह 18 अगस्त को पड़ रहा है.
Putrada Ekadashi 2021: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस बार 18 अगस्त दिन बुधवार तड़के 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होगी, जबकि समापन उसी दिन देर रात 01 बजकर 05 मिनट पर होगा. इसके चलते पुत्रदा एकादशी व्रत 18 अगस्त को रखा जाएगा.
इस दिन विधि विधान से की गई उपासना मनवांछित फल देने वाली होती है. जो श्रद्धालु एकादशी व्रत करते हैं, उन्हें एक दिन पहले ही अर्थात दशमी तिथि की रात से ही व्रत का नियम मानना शुरू कर देना चाहिए. दशमी की शाम सूर्य ढलने के बाद भोजन नहीं करना चाहिए और रात के वक्त श्रीहरि विष्णुजी का ध्यान कर सोएं. अगली सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नित्य क्रिया से निपटकर स्नान करें, गंगाजल है तो पानी में उसे मिलाकर नहाना चाहिए और स्वच्छ कपड़े पहनें. पूरे दिन हरि का ध्यान रकें.
पूजा के लिए विष्णुजी की फोटो के सामने दीप जलाकर व्रत संकल्प लें और विधि विधान से कलश स्थापना करें. कलश को लाल कपड़े से बांधकर पूजा करें. श्रीहरि की प्रतिमा रखकर स्नानादि कर शुद्ध और नया वस्त्र पहनाएं. धूप-दीप आदि से पूजा-अर्चना और आरती करें. नैवेद्य और फलों का भोग लगाकर प्रसाद बांटें. श्रीहरि विष्णु को सामर्थ्य के अनुसार फल-फूल, नारियल, पान, सुपारी, लौंग, बेर, आंवला आदि अर्पित करें.
एकादशी की पूरी रात भजन-कीर्तन करना चाहिए
पुत्रदा एकादशी व्रत में पूरे दिन निराहार रहकर शाम को कथा आदि सुनने के बाद फलाहार करना चाहिए. दूसरे दिन ब्राह्मणों को भोजन और दान-दक्षिणा आदि करने का प्रावधान है. इसके बाद खुद पारण कर खाना खाना चाहिए. इस दिन दीपदान का बहुत महत्व है, ऐसे में यह करना न भूलें, इस व्रत के पूर्ण होने से मनुष्य तपस्वी, विद्वान, पुत्रवान और लक्ष्मीवान बनता है.
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