![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Vijaya Ekadashi 2021 : जानें इस बार कब है विजया एकादशी, शुभ मुहूर्त और व्रत में किन चीजों के सेवन से करें परहेज
हिन्दू पवित्र धर्मशात्र पुराणों में एकादशी के व्रत को भगवान विष्णु से जोड़ा जाता है. इस व्रत को करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और लोगों के कष्टों का निवारण होता है. इस साल 9 मार्च को विजया दशमी मनाई जाएगी. कहा जाता है कि इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान विष्णु की अराधना करता है उसके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं.
![Vijaya Ekadashi 2021 : जानें इस बार कब है विजया एकादशी, शुभ मुहूर्त और व्रत में किन चीजों के सेवन से करें परहेज Know when is Vijaya Ekadashi, auspicious time and what things to avoid during fasting Vijaya Ekadashi 2021 : जानें इस बार कब है विजया एकादशी, शुभ मुहूर्त और व्रत में किन चीजों के सेवन से करें परहेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/10/31012133/vishnu-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार विजया एकादशी 9 मार्च को पड़ रही है जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है.हिन्दू धर्मशात्र के पुराणों में एकादशी व्रत का महिमा मंडन बहुत किया गया है. इस व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन में आई परेशानियों का अंत होता है. महीने में दो बार आने वाले एकादशी को कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दो नामों से जाना जाता है. दोनों की एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व है. साथ ही पितृ और पूर्वज के स्वर्ग का मार्ग भी एकादशी व्रत को रखने पर खुल जाता है.
विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 8 मार्च 2021 सोमावर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समापन- 9 मार्च 2021 मंगलवार को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट पर समाप्त
पारण का समय-10 मार्च बुधवार को प्रात: 6 बजकर 36 मिनट से सुबह के 8 बजकर 58 मिनट तक
एकादशी का व्रत करने वाले इन चीजों के सेवन से बचें साल में 24 बार आने वाले एकादशी व्रत में कई चीजों का सेवन पर पूरी तरह वर्जित है. व्रत में नमक, तेल, चावल और मांस खाना पूरी तरह वर्जित है. इसके अलावा हिन्दू महीने फागुन में आने वाली विजया एकादशी पर जल और अन्न पर रोक है. केवल बीमारी और अन्य विपरीत परिस्थितियों में ही फल का सेवन कर सकते हैं.
विजया एकादशी क्यों महत्वपूर्ण है
मान्या है कि जो भी भक्त सच्चे मन से एकादशी का व्रत करते हैं उनके सभी पापों का नाश हो जाता है और अंत में उन्हें दुर्लभ मोक्ष की प्राप्ति होती है. पद्म पुराण के अनुसार भगवान शंकर द्वारा नारद मनी को वर्णित किया था कि यह एकादशी संपूर्ण पापों का नाश करने वाली और पुण्य देने वाली है. जो भी विजया एकादशी का पूर्ण भक्ति भाव से व्रत करता है उसके सभी पितृ दोष खत्म हो जाते है और उसे कुयोनियों से भी मुक्ति मिल जाती है.
जरूरतमंदों की मदद करने से भगवान होते हैं खुश
एकादशी व्रत पर हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग अपने घरों पर चावल नहीं बनाते हैं. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने से भगवान खुश होते हैं. व्रती को दिन में एक बार से अधिक भोजन नहीं करना चाहिए. साथ ही स्त्रियों की समीपता से भी दूर रहना चाहिए. लोगों को शांत मन से ईश्वर का ध्यान लगते हुए गलत लोगों से दूर रहना चाहिए.
ये भी पढ़ें
Divya Dhanush: किस काल में किस धनुर्धर के पास था कौन सा दिव्य धनुष? जानें विस्तार से
Aaj Ka Panchang 26 February: आज चतुर्दशी की तिथि है, जानें शुभ मुहूर्त और राहु काल
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![गुंजन मिश्रा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/6ec004605e883a2bcc75eaa943aa1490.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)