Kokila Vrat 2022 Rituals : हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष आषाढ़ पूर्णिमा पर कोकिला व्रत रखा जाता है. यह व्रत आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर श्रवण पूर्णिमा को समाप्त होता है. यह व्रत शादीशुदा महिलाओं और कुमारी कन्याओं के लिए काफी अच्छा माना गया है. मान्यता है कि, जो भक्त कोकिला व्रत रखते हैं और देवी सती और भगवान शिव की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस वर्ष कोकिला व्रत 13 जुलाई 2022, बुधवार रखा जाएगा.


कोकिला व्रत का महत्व 
इस दिन महिलाएं विधि-पूर्वक देवी सती और भगवान शिव की पूजा-आराधना करती हैं. कहा जाता है कि जो शादीशुदा महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है. जो कुंवारी कन्याएं क्या व्रत रखती हैं उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है.


कोकिला व्रत की पूजा विधि



  • इस दिन ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर अपने दैनिक कार्यों को पूरा करके स्नान करें.

  • फिर मंदिर में भगवान शिव, माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करके उनकी पूजा-अर्चना करे.

  • भगवान का पंचामृत से अभिषेक करके गंगाजल अर्पित करें.

  • पूजा में सफेद व लाल रंग के पुष्प, बेलपत्र, दूर्वा, गंध, धुप, दीप आदि का उपयोग करें.

  • इस दिन निराहार व्रत रखा जाता है. सूर्यास्त के बाद पूजा अर्चना करके फलाहार ग्रहण करें.

  • इस दिन महिलाएं ब्रह्मचर्य का पालन करें और मन को शांत बनाएं रखें.


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