नई दिल्ली: हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उतस्व को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में कृष्ण को मानने वाले लोग धूम-धाम से ये त्योहार मनाते हैं. इस त्योहार को मनाने को लेकर कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद यानी कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था और यह त्योहार उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
क्यों मनाते हैं त्योहार
शास्त्रों के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहणी नक्षत्र में हुआ था. इस दिन चंद्रमा वृष राशि में और सूर्य सिंह राशि में था. इस लिए कृष्ण का जन्म का उत्सव भी इसी काल में मनाया जाता है. इस दिन पूरी रात मंगल गीत गाने की परंपरा भी है.
कैसे मनाते हैं यह त्योहार
देश-विदेश में इस त्योहार को मनाने का अपना तरीका है. कई लोग भगवान कृष्ण को झूला झुलाते हैं तो वहीं कई लोग भगवान कृष्ण की झांकी सजाते हैं. वहीं कहीं इस त्योहार में दही मटकी फोड़ने की परंपरा है.
इस बार दो दिन मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी
इस बार जन्माष्टमी की तिथि को लेकर काफी असमंजस है. दरअसल, इस बार कृष्ण जन्माष्टमी दो दिन यानी कि 23 और 24 अगस्त को पड़ रही है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण का जन्म भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस हिसाब से अष्टमी 23 अगस्त को पड़ रही है जबकि रोहिणी नक्षत्र इसके अगले दिन यानी कि 24 अगस्त को है. कहने का मतलब यह है कि इस बार अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर जन्माष्टमी का व्रत किस दिन रखा जाए? इसलिए इस बार दो दिन मनाया जाएगा.