Krishna Janmashtami 2022: धार्मिक मान्यता है कि एक बार राधाजी भगवान श्री कृष्ण से बहुत नाराज हो गई थी और उन्हें छूने तक के लिए मना कर दिया था. तब भगवान कृष्ण ने राधा जी और गोपियों को ये बात बताकर संतुष्ट किया. आइये जानें भगवान श्री कृष्ण ने इन्हें कैसे संतुष्ट किया?


राधा जी और गोपियां श्री कृष्ण से हुईं नाराज


धर्म ग्रंथों के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण का राधा और गोपियों से बहुत प्रेम था. यहां तक कहा जाता है कि जब वह उनसे दूर हुए थे अपनी बांसुरी को तोड़ दिया था और फिर श्रीकृष्ण ने बांसुरी कभी नहीं बजाई. एक बार भगवान श्री कृष्ण से राधा जी और गोपियां इतनी नाराज हुईं कि वे भगवान श्री कृष्ण से दूर रहने लगीं. 


अरिष्टासुर (वृषभासुर) का किया वध


कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के मामा कंस ने कृष्ण को मारने के लिए अरिष्टासुर (वृषभासुर) को भेजा था लेकिन श्री कृष्ण ने उसका वध कर दिया. पुराणों के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ गाय चरा रहे थे. तो राक्षस अरिष्टासुर ने बैल का वेश धारण कर कृष्ण को मारने आ गया. भगवान श्री कृष्ण और राक्षस अरिष्टासुर में युद्ध हुआ. इस युद्ध में श्रीकृष्ण ने बैल रूपी अरिष्टासुर का वध कर दिया.  तब राधा और गोपियों ने अरिष्टासुर के वध को गौ हत्या मान लिया.


राधाजी ने श्री कृष्ण को माना गौ हत्यारा


बैल रूपी अरिष्टासुर के वध के कारण राधा जी ने कृष्ण को गौ हत्यारा मानकर छूने से माना कर दिया. तब भगवान कृष्ण ने राधाजी और सभी गोपियों को बताया कि यह बैल नहीं अरिष्टासुर राक्षस है. इन्होंने बैल को नहीं बल्कि एक राक्षस का वध किया है. इसके बाद भी राधाजी नहीं मानी.


राधा जी ऐसे हुई संतुष्ट


कहा जाता है कि तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी एड़ी को जोर से पृथ्वी पर पटका तब वहां जल की धारा फूट गई और एक कुंड बन गया. भगवान ने इस कुंड में सभी तीर्थ स्थलों को बुलाकर समाहित किया और खुद उसमें स्नान किया. तब जाकर राधाजी और गोपियां संतुष्ट हुई.


 



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