Krishna Janmashtami 2021: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत पूजन की विशेष महिमा है. इस दिन श्रीकृष्णजी के बाल स्वरूप कान्हा की पूजा का विधान है. कुछ स्थानों पर इसे कान्हाष्टमी या गोकुल अष्टमी भी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखते हुए सामान्य नियम ही लागू होते हैं, लेकिन एक पाबंदी इस व्रत को पूरी तरह अलग करती है, यह पाबंदी पानी पीने को लेकर है. इस व्रत को रखने वालों को पूरे दिन पानी पीने की छूट होती है, लेकिन सूर्यास्त से लेकर कृष्ण जन्म के समय तक निर्जल रहना होता है.
स्नान ध्यान के साथ शुरू करें दिनचर्या
जन्माष्टमी पर सुबह जल्दी उठकर स्वच्छ पानी से स्नान कर दिन भर जलाहार या फलाहार ग्रहण करें और सात्विक रहें. शाम की पूजा से पहले फिर एक बार स्नान करना चाहिए. इस दिन व्रत रखते हुए मसालेदार या तैलीय खाने से गैस्ट्रिक या एसिडिटी की समस्या घेर सकती है. इसलिए दिन के समय बहुत सारा पानी पीना चाहिए.
फलों में जरूरी ये आहार
जन्माष्टमी व्रत में फल खाए जा सकते हैं, इसलिए रसीले फलों का भरपूर सेवन करें. तरबूज ककड़ी और खरबूजे जैसे पानी वाले फलों का सेवन करें. इसके अलावा केला, सेब और अमरूद भी खाए जा सकते हैं.
व्रत संकल्प का तरीका
कुशा आसन पर श्रद्धालु को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए. हाथ जोड़कर सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, दिक्पति, भूमि, आकाश, खेचर, अमर और ब्रह्मादि का कर हाथ में जल, अक्षत, पुष्प, कुश और गंध लेकर व्रत उपवास का संकल्प करना चाहिए.
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