Astrology Tips in Hindi: ज्योतिष में ग्रहों के बारे में बताया गया है कि ब्रह्मांड में गोचर करने वाले ग्रहों का प्रभाव मनुष्यों पर भी पड़ता है. धार्मिक ग्रंथों में इसके उदाहरण भी देखने को मिलते हैं. ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए उपाय भी बताए गए हैं. एकादशी व्रत की कथा का वर्णन महाभारत काल में भी मिलता है. ग्रहों की शुभ रखना इसलिए भी आवश्यक माना गया है कि क्योंकि ऐसा करने से जीवन की कठिनाइयां कम होती हैं.
लाइफ में जब भी परेशानी आएं तो कुछ चीजों पर गौर करना चाहिए. सभी ग्रहों का अपना स्वभाव है. यदि इनको समझने की कोशिश करते हैं, तो ग्रहों की अशुभता का पता लगाने में मदद मिलती है. यहां पर कुछ आसान टिप्स बताने का प्रयास किया जा रहा है-
सूर्य- ज्योतिष ग्रंथों में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा बताया गया है. सूर्य के शुभ होने पर व्यक्ति के मान सम्मान में वृद्धि होती है. शासन-सत्ता से उच्च पद प्राप्त होता है. व्यक्ति का स्वभाव राजसी होता है. राजनीति, खेल, फिल्म, सामाजिक सेवा, फैशन आदि के क्षेत्र में अत्याधिक लोकप्रिय होते हैं. वहीं जब सूर्य कमजोर या अशुभ होता है तो जॉब-प्रमोशन में दिक्कत आती है. ऑफिस में बॉस से नहीं बनती है. आंखों से जुड़ी समस्या हो सकती है. हृदय और नसों से जुड़ी कुछ दिक्कत हो सकती है.
उपाय- रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करें. हर दिन सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं. पिता की सेवा करें.
गुरू- इस ग्रह का संबंध ज्ञान से है. गुरू यानि बृहस्पति ग्रह को शास्त्रों में देवताओं का गुरू भी बताया गया है. इसके शुभ होने पर दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है. यदि आप पार्टनरशिप में कोई कार्य करते हैं तो बाधा नहीं आती है. प्रशासनिक पद दिलाने में इस ग्रह की विशेष भूमिका होती है. बॉस और अच्छा मैनेजर बनाने में भी गुरू की विशेष भूमिका होती है. ये ग्रह विवाह में आने वाली बाधाओं को भी दूर करता है. जब ये ग्रह अशुभ होता है तो व्यक्ति को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में बाधा आती है. पेट संबंधी रोग या दिक्कत आती है. विवाह में समस्या, खराब गुरू के कारण आती है.
उपाय- गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें. पीली चीजों का दान करें. निर्धन लोगों की मदद करें. आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद करें, शिक्षण सामग्री का दान करने से गुरू की अशुभता दूर होती है.
शनि- इस ग्रह का नाम सुनकर लोगों के पसीने छूट जाते हैं. शनि देव को कलियुग में दंड देने वाला माना गया है. जब ये ग्रह अशुभ होता है तो परेशानियां एक-एककर नहीं बल्कि एक साथ आती हैं. तन,मन और धन तीनों की हानि होती है. व्यक्ति को सफलता के लिए संघर्ष करना पड़ता है. कोर्ट कचेहरी के चक्कर भी लगाने पड़ते हैं.
उपाय- शनिवार के दिन शनि देव की पुजा करनी चाहिए. शनि परिश्रम के कारक हैं, इसलिए कठोर परिश्रम करने से नहीं घबराना नहीं चाहिए. परिश्रम करने वालों का आदर-सम्मान करना चाहिए. तेल, छाता और कंबल का दान करने से शनि प्रसन्न रहते हैं.
मंगल- इस ग्रह को सेनापति कहा गया है. इसका संबंध भूमि, अग्नि, साहस, ऊर्जा और क्रोध से है. जब ये शुभ होता है तो व्यक्ति साहसी होता है. इसे खतरों से डर नहीं लगता है. जब ये ग्रह खराब होता है तो व्यक्ति भय खाता है, किसी भी कार्य को करने का साहस नहीं जुटा पाता है. रक्त संबंधी दिक्कते होती हैं. व्यक्ति झगड़ालू होता है. दुर्घटना का शिकार होता है. मंगल तलाक का भी कारक बनता है.
उपाय- मंगलवार के दिन हनुमान जी की पुजा करें. समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए. तामसी भोजन नहीं करना चाहिए.
बुध- इस ग्रह को राजकुमार कहा गया है. ज्योतिष में बुध ग्रह को गणित, गायन, कानून, बिजनेस, वाणिज्य आदि का कारक माना गया है. इसके अशुभ होने पर व्यक्ति को त्वचा संबंधी दिक्कत होती है. व्यक्ति की यादाश्त कमजोरी होती है. अंकों को याद रखने में मुश्किल होती है. धन के मामले में हानि होती हैं, बैंकिंग संबंधी कार्यों में बाधा आने लगती हैं.
उपाय- बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करनी चाहिए, हरी जीजों का दान करने से बुध ग्रह बलशाली होता है. युवा किन्नरों को दान देने और उनका आदर सम्मान करने से भी बुध की अशुभता दूर होती है. छोटे बच्चों को उपहार दें.
शुक्र- ज्योतिष में इस ग्रह को भोग-विलास का कारक माना गया है. कलियुग में इस ग्रह के शुभ होना आवश्यक माना गया है. शुक्र प्रेम, मनोरंजन, यात्रा आदि का कारक है. जब ये अशुभ होता है तो व्यक्ति की सुख-सुविधाओं में कमी आती है. चरित्र कमजोर होता है. शुगर की समस्या होती है.
उपाय- शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करें. महिलाओं का सम्मान करें. उनके उत्थान और विकास के लिए कार्य करने चाहिए. सफेद चीजों क दान करें. कलाकारों को प्रोत्साहित करें. मछलियों को दाना खिलाने से भी शुक्र की शुभता में वृद्धि होती है.
चंद्रमा- ज्योतिष में इस ग्रह का विशेष स्थान हैं. ये माता और मन का कारक है. जब ये अशुभ होता है तो व्यक्ति के मन में बुरे-बुरे ख्याल आते हैं. मित्रों से धोखा मिलता है. सांस की बीमारी होती है.
उपाय- पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का जल दें. मां की सेवा करने से चंद्रमा शुभ होता है. सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से भी चंद्रमा का दोष दूर होता है.
राहु- ये पाप ग्रह है. ये सभी ग्रहों में सबसे मायावी ग्रह माना गया है. इसे छाया ग्रह भी कहा गया है. ये जब अशुभ होता है तो भयंकर परिणाम देता है. ये राजा को भिखारी और भिखारी को राजा बनाने की शक्ति रखता है. ये अशुभ हो तो जीवन में तनाव, आरोप, रोग, धन की हानि, ब्रेकअप, तालाक जैसी स्थितियां बनती हैं. ये नशे का भी आदी बनाता है. वाणी खराब करता है.
उपाय- भगवान शिव की पूजा करें. शिवजी के गले में पड़े सांप की भी पूजा करनी चाहिए.गलत संगत से दूर रहें. साफ-सफाई का ध्यान रखें. किसी को धोखा न दें. दूसरों की बुराई करने से बचना चाहिए.
केतु- ये भी राहु की तरह एक पाप ग्रह है. छाया ग्रह होने के कारण इसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है. लेकिन ये जिस ग्रह के साथ होता है उसके फलों में अप्रत्याशित वृद्धि करता है. ये भ्रम और अवसाद भी देता है. व्यक्ति का ध्यान मोक्ष की तरफ जाता है. अकेले रहने और किसी खोच में व्यस्त रहना अच्छा लगता है. ये अशुभ हो तो व्यक्ति को परिवार से अलग करता है. करियर में अड़चन आती है. धन की कमी रहती है, बैंक बेलेंस कम होता है.
उपाय- गणेश जी की पूजा करें. ज्ञान प्राप्त करना चाहिए, झूठ बोलने वालों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. जुआं, शराब या अन्य प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए. स्वच्छता के नियमों का पालन करना चाहिए. दान आदि के कार्य करने चाहिए. घार्मिक यात्राएं करनी चाहिए.
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