Kunwara Panchami 2024: गुरुड़ पुराण (Garud puran) और अन्य पुराणों में पितरों की महीमा का विस्तार से वर्णन है. कहा जाता है कि श्राद्ध पक्ष (Shradh paksha) के 15-16 दिनों में पितरों को खुश करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.


पितृ पक्ष में वैसे तो सभी तिथियां महत्वपूर्ण मानी गई हैं लेकिन कुछ ऐसी तिथियां है जिसमें श्राद्ध का महत्व अधिक होता है. इन्हीं में से एक है श्राद्ध पक्ष की पंचमी तिथि, इसे कुंवार पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं कुंवारा पंचमी क्या है, इसका महत्व और इस दिन किन लोगों का श्राद्ध किया जाता है.


कुंवारा पंचमी क्या है ? (What is Kunwara Panchami)


कुंवारा पंचमी तिथि पर उन लोगों का श्राद्ध होता है, जिनकी मृत्यु पंचमी के दिन हो गई हो या जिनकी मृत्यु अविवाहित (Unmarried) रहते हुए हुई हो. इस दिन घर के कुंवारे (विवाह से पहले मृत्यु को प्राप्त होने वाले) पितरों का श्राद्ध किया जाता है, इसलिए इसे कुंवार पंचमी कहते हैं. मान्यता है इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनकी घर परिवार पर कृपा बनी रहती है.


कुंवारा पंचमी 2024 में कब ? (Kunwara Panchami 2024 Date)


इस साल अश्विन माह की पंचमी तिथि का श्राद्ध यानी कुंवारा पंचमी श्राद्ध 22 सितंबर 2024 को किया जाएगा.


अश्विन कृष्ण पंचमी तिथि शुरू - 21 सितंबर 2024, शाम 06.13


अश्विन कृष्ण पंचमी तिथि समाप्त - 22 सितंबर 2024, दोपहर 03.43



  • कुतुप मुहूर्त - सुबह 11.49 - दोपहर 12.38

  • रौहिण मुहूर्त - दोपहर 12.38 - दोपहर 01.26


कुंवारा पंचमी श्राद्ध की विधि (Kunwara Panchami Puja vidhi)



  • पंचमी श्राद्ध के दिन सुबह उठकर स्नान कर देव स्थान व पितृ स्थान को गाय के गोबर से लीपें. गंगाजल छिड़कें.

  • महिलाएं स्नानादि करके पितरों के लिए भोजन बनाएं, इसमें खीर, पूड़ी, कद्दू की सब्जी  जरूर बनाएं.

  • भोजन परोसने के लिए केले के पत्ते पर या मोहा नाम के वृक्ष के पत्तों से बनी पत्तल का  प्रयोग करें. ये बाजार में आसानी से मिल जाते हैं.

  • कुंवारा पंचमी पर अविवाहित ब्राह्मण, घर की बहन-बेटी को भोजन के लिए न्योता दें.

  • दोपहर के समय कुंवारे पितरों के नाम श्राद्ध कर्म करें, अग्नि को भोजन अर्पित करें. इसके बाद पंचबली भोग निकालें और फिर ब्राह्मण को भोजन खिलाएं.

  • बहन, ब्राह्मण को दान देकर आदर पूर्वक विदा करें.


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